:امام حسین علیه السلام
إيّاكَ أن تَكونَ مِمَّن يَخافُ عَلَى العِبادِ مِن ذُنوبِهِم ويَأمَنُ العُقُوبَةَ مِن ذَنبِهِ؛
گزیده تحف العقول، ص ٣٧
इमाम हुसैन अ.स.
खबरदार कहीं तुम उन लोगों में से न हो जाना जो दूसरों के गुनाहों की वजह से उनके अंजाम से तो डरते हैं, लेकिन अपने ही गुनाह की सज़ा से बेफ़िक्र रहते हैं।
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