21 सितंबर 2025 - 17:58
दूसरों पर नज़र और खुद से ग़ाफ़िल

दूसरों के गुनाहों की वजह से उनके अंजाम से तो डरते हैं, लेकिन अपने ही गुनाह की सज़ा से बेफ़िक्र रहते हैं।

:امام حسین علیه السلام

إيّاكَ أن تَكونَ مِمَّن يَخافُ عَلَى العِبادِ مِن ذُنوبِهِم ويَأمَنُ العُقُوبَةَ مِن ذَنبِهِ؛

گزیده تحف العقول، ص ٣٧

इमाम हुसैन अ.स. 
खबरदार कहीं तुम उन लोगों में से न हो जाना जो दूसरों के गुनाहों की वजह से उनके अंजाम से तो डरते हैं, लेकिन अपने ही गुनाह की सज़ा से बेफ़िक्र रहते हैं।

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