21 सितंबर 2025 - 18:08
यमन में अमेरिकी प्रभाव का खात्मा क्रांति की सबसे बड़ी उपलब्धि

उस दौर में यमन की संप्रभुता और आज़ादी का कोई मतलब नहीं था। क्रांति की खासियत यह रही कि इसमें किसी बाहरी ताक़त का दखल नहीं था, जबकि उससे पहले देश के कई अधिकारी अमेरिका और इस्राईल के एजेंट के रूप में काम कर रहे थे।

यमन के लोकप्रिय जनांदोलन अंसारुल्लाह के नेता ने कहा कि यमन की क्रांति का सबसे बड़ा नतीजा अमेरिकी नियंत्रण का अंत होना है। उन्होंने कहा कि क्रांति से पहले यमन के राष्ट्रपति नहीं, बल्कि अमेरिकी राजदूत ही यहाँ का असली शासक होता था और सभी फैसलों पर उसका दबदबा था।

उन्होंने कहा कि उस दौर में यमन की संप्रभुता और आज़ादी का कोई मतलब नहीं था। क्रांति की खासियत यह रही कि इसमें किसी बाहरी ताक़त का दखल नहीं था, जबकि उससे पहले देश के कई अधिकारी अमेरिका और इस्राईल के एजेंट के रूप में काम कर रहे थे।

अंसारुल्लाह प्रमुख ने कहा कि ये एजेंट यमन की सेवा के बजाय सिर्फ़ फसाद और साज़िश फैलाते रहे। उन्हें खाड़ी के कुछ अरब देशों से फंडिंग और अमेरिका से सुरक्षा मिलती रही और इस पूरी साज़िश में इस्राईल की इंजीनियरिंग शामिल रही।

उन्होंने कहा कि क्रांति के बाद यमन के आंदोलनकारियों ने बदले और हिंसा की राह छोड़कर सहनशीलता और इंसाफ़ पर आधारित मूल्यों को अपनाया।

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