ताजा खबर
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डेली हदीस
सांस्कृतिकइमाम हुसैन के ज़ायर का मर्तबा
जब तक वह अपने घर नहीं पलट जाता जिबरील और मिकाईल उसके साथ होते हैं।
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डेली हदीस
सांस्कृतिकबेहतरीन दौलत और साथी
अदब बेहतरीन ज़ेवर है, ग़ौर और फिक्र साफ आईना और माज़ेरत एक डराने वाला
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डेली हदीस
सांस्कृतिकदिल जज़्बात और अहसासात का इमाम
दिल अहसासात और जज़्बात का इमाम है और एहसास शरीर के अंगों और भागो के इमाम और रहनुमा की हैसियत रखते हैं।
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डेली हदीस
सांस्कृतिकतन्हाई और अल्लाह की ना फ़रमानी
इसलिए कि जो इस पर गवाह है वही इनके बारे में फैसला करने वाला है।
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आशूरा के सबक़
सांस्कृतिकहक़ की राह में कुर्बानी और बलिदान
रसूलल्लाह (स.अ.) के बाद का समाज पतन की ओर चला गया क्योंकि लोगों ने दुनिया की चकाचौंध, धन दौलत और यज़ीद और मुआविया की दौलत और चालों मे आकर अपने नबी के नवासे को कत्ल कर डाला और उनके कत्ल पर खुशियां मनाई।
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सांस्कृतिकडेली हदीस
पालनहार और मालिक मत बनाओ वरना वह तुम्हें ग़ुलाम बना लेगी।
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आशूरा के सबक़
सांस्कृतिकखास लोगों की जिम्मेदारी
आम लोग जीवन के संवेदनशील और निर्णायक क्षणों में इन प्रभावशाली व्यक्तियों के शब्दों और व्यवहार को देखते और सुनते हैं। यह वह लोग हैं जिन्हें जनता की नज़र में विश्वसनीय और लीडर माना जाता है।
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डेली हदीस
सांस्कृतिकऔलाद की तरबियत की अहमियत
वह तरबियत है न कि मालो दौलत, क्योंकि माल खत्म हो जाता है लेकिन अदब और तरबियत बाकी रहती है।
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