21 सितंबर 2025 - 17:26
मिस्र और तुर्की की सैन्य साझेदारी से इस्राईल चिंतित, 13 साल बाद फिर शुरू हुआ युद्धाभ्यास

मिस्र और तुर्की का यह गठजोड़ इस्राईल को ज़रूर डराता है, क्योंकि दोनों क्षेत्र की बड़ी सैन्य ताकतें हैं। इसे अरब-इस्लामी जागरूकता की नई शुरुआत माना जा रहा है, जहां मुस्लिम देश आपसी रक्षा और एकजुटता के लिए साथ आ रहे हैं।

अरब जगत के मशहूरअख़बार रायुल-यौम के अनुसार, मिस्र और तुर्की दो बड़े मुस्लिम देश हैं जो अब आमने-सामने नहीं बल्कि एक साथ खड़े हो रहे हैं। दोनों ने 13 साल बाद फिर से संयुक्त युद्धाभ्यास "दरिया-ए-सदाकत" शुरू किया है। यह अभ्यास 22 से 26 सितंबर तक भूमध्य सागर में होगा, जिसमें तुर्की की युद्धपोत, पनडुब्बी और F-16 लड़ाकू विमान शामिल होंगे, जबकि मिस्र की नौसेना भी हिस्सा लेगी।

यह कदम ऐसे समय में उठाया गया है जब इस्राईल का रवैया और हमले क्षेत्र के देशों को डरा रहे हैं। अख़बार के मुताबिक, अमेरिका का इस्राईल को खुला समर्थन मिलने के बाद अब कई मुस्लिम देश नए गठबंधन बना रहे हैं। मिस्र और तुर्की की यह साझेदारी इस्राईल के लिए बड़ा संदेश है, क्योंकि अब तक दोनों देशों के बीच 2013 से रिश्ते तनावपूर्ण थे।

इस्राईली मीडिया ने भी चिंता जताई है कि यह अभ्यास ऐसे वक्त पर हो रहा है जब मध्यपूर्व की सुरक्षा स्थिति बेहद नाज़ुक है। मिस्र ने हाल ही में सीनाई इलाके में भी अपनी सैन्य तैनाती बढ़ा दी है।

विशेषज्ञों का कहना है कि मिस्र और तुर्की का यह गठजोड़ इस्राईल को ज़रूर डराता है, क्योंकि दोनों क्षेत्र की बड़ी सैन्य ताकतें हैं। इसे अरब-इस्लामी जागरूकता की नई शुरुआत माना जा रहा है, जहां मुस्लिम देश आपसी रक्षा और एकजुटता के लिए साथ आ रहे हैं।

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