:امام صادق علیه السلام
..لا تَتِمُّ الصَّلاةُ إلّا لذِي طُهرٍ سابِغٍ ، وتَمامٍ بالِغٍ ، غَيرِ نازِعٍ ولا زائِغٍ ، عَرَفَ فَوَقَفَ ، وأخبَتَ فَثَبَتَ ،...
فلاح السائل : ص۶۴ ح۲
इमाम जाफ़र सादिक़ अ.स.
नमाज़ पूरी नहीं होती मगर उसकी जिसने तहारत और मुकम्मल एहतेमाम किया हो,बिना शक और वसवसे तथा मारेफत, खुलूस और इत्मीनान के साथ अदा की हो।
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