ग़ज़्ज़ा पर इस्राईल के वहशियाना हमलों को खुल कर समर्थन देने वाले ब्रिटेन ने मध्य पूर्व में शांति और सुरक्षा में व्यवधान को रोकने के बहाने 8 ईरानी और फिलिस्तीनी व्यक्तियों और संगठनों पर प्रतिबंध लगा दिया है। अपने प्रतिबंधों के नए दौर में इंग्लैंड ने दावा किया है कि ये लोग इस्लामिक रिपब्लिक ऑफ ईरान और हमास और फिलिस्तीन इस्लामिक जिहाद आंदोलन के बीच संबंधों की नींव हैं।
कुद्स फोर्स के कमांडर इस्माइल क़ाआनी, आईआरजीसी के सदस्य मोहम्मद सईद इज़दी, आईआरजीसी सदस्य अली शिराज़ी, आईआरजीसी सदस्य माजिद ज़ारेई, आईआरजीसी सदस्य मुस्तफा माजिद खानी, ईरान में हमास के प्रतिनिधि खालिद क़दौमी, ईरान में फ़िलिस्तीनी इस्लामिक जिहाद के प्रतिनिधि नासिर अबू शरीफ़, और क़ुद्स फ़ोर्स की फ़िलिस्तीनी शाखा ब्रिटेन के प्रतिबंधों की लिस्ट में शामिल है।
इंग्लैंड ने अपने बयान में कहा है कि ये प्रतिबंध संयुक्त राज्य अमेरिका की अनुमति के बाद लगाए गए हैं। ब्रिटिश विदेश मंत्री डेविड कैमरन ने बेबुनियाद आरोप लगाते हुए ईरान को ब्रिटेन और उसके साझेदारों के लिए खतरा बताया। कैमरन के मुताबिक, इन लोगों पर लगाए गए प्रतिबंधों में संपत्ति जब्त करना और ब्रिटेन की यात्रा पर प्रतिबंध शामिल है।
ब्रिटिश सरकार ने अब तक विभिन्न कारणों से 350 से अधिक ईरानी व्यक्तियों और संस्थानों पर प्रतिबंध लगा दिया है।