16 अक्तूबर 2025 - 15:15
रूस की  दो टूक, चीन के खिलाफ किसी ब्लॉक का हिस्सा नहीं बनेंगे 

अमेरिका लंबे समय से चीन को परमाणु हथियारों में कमी के लिए राज़ी करने की कोशिश कर रहा है, लेकिन बीजिंग का कहना है कि वह इस समय ऐसे किसी चरण में नहीं है कि इस तरह की बातचीत में हिस्सा ले सके। उन्होंने कहा, “हम चीन के रुख़ का सम्मान करते हैं।”

रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोफ़ ने स्पष्ट किया है कि मॉस्को किसी भी देश के साथ चीन के खिलाफ गठबंधन नहीं करेगा यहाँ तक कि अमेरिका के साथ भी वह चीन के खिलाफ नहीं जाएगा।

लावरोफ़ यह बात इस सवाल के जवाब में कही कि क्या रूस, अमेरिका के साथ मिलकर चीन पर परमाणु हथियारों में कटौती के लिए दबाव डालेगा। उन्होंने कहा, “रूस किसी के खिलाफ किसी के साथ गठबंधन नहीं करेगा, और ख़ासकर चीन के खिलाफ, यह बिल्कुल असंभव है।

उनके अनुसार, रूस और चीन के बीच कई द्विपक्षीय समझौते मौजूद हैं जो दोनों देशों के रिश्तों की प्रकृति को स्पष्ट करते हैं। इन समझौतों का उद्देश्य आर्थिक सहयोग, रक्षा क्षमताओं को मज़बूत करना और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक-दूसरे का समर्थन करना है।

लावरोफ़ ने कहा कि अमेरिका लंबे समय से चीन को परमाणु हथियारों में कमी के लिए राज़ी करने की कोशिश कर रहा है, लेकिन बीजिंग का कहना है कि वह इस समय ऐसे किसी चरण में नहीं है कि इस तरह की बातचीत में हिस्सा ले सके। उन्होंने कहा, “हम चीन के रुख़ का सम्मान करते हैं।”

रिपोर्ट के मुताबिक, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने सितंबर में अपने अमेरिकी समकक्ष डोनाल्ड ट्रम्प को यह प्रस्ताव दिया था कि दोनों देशों के बीच परमाणु हथियार नियंत्रण से संबंधित आख़िरी समझौते न्यू स्टार्टको पाँच साल और बढ़ाया जाए, जो 5 फ़रवरी 2026 को समाप्त होने वाला है।

हालाँकि ट्रम्प ने इस प्रस्ताव को “अच्छा” बताया था, लेकिन व्हाइट हाउस की तरफ़ से इस पर कोई ठोस क़दम नहीं उठाया गया।
ट्रम्प पहले भी कई बार कह चुके हैं कि चीन को भी रूस और अमेरिका के बीच चल रही परमाणु हथियारों की कमी संबंधी बातचीत में शामिल किया जाना चाहिए।

आपकी टिप्पणी

You are replying to: .
टिप्पणीसंकेत
captcha