लेबनान के लोकप्रिय जनांदोलन हिज़्बुल्लाह ने एक बयान में कहा कि लेबनानी सरकार को समझना चाहिए कि ज़ायोनी शासन के सामने किसी भी प्रकार की नरमी, कमजोरी या समर्पण केवल उनकी बर्बरता और लालच को बढ़ाएगा।
अहलेबैत (अ) न्यूज़ एजेंसी के अनुसार, हिज़्बुल्लाह ने एक बयान जारी कर बीती रात लेबनान के सैदा शहर के पास स्थित ऐनुल-हल्वा शरणार्थी शिविर में ज़ायोनी शासन के भयानक हमले की निंदा की, जिसमें 13 फ़िलिस्तीनियों की शहादत और बड़ी संख्या में लोगों के घायल होने की ख़बर है।
हिज़्बुल्लाह ने कहा कि निर्दोष नागरिकों और बच्चों की मौजूदगी वाले स्थान पर ज़ायोनी शासन का यह बर्बर हमला, फ़िलिस्तीन, लेबनान और क्षेत्र की जनता के खिलाफ अत्याचार और जनसंहार से भरी उसकी काली विरासत में एक और अपराध है।
बयान के अनुसार, यह खूनी और हिंसक हमला लेबनान की संप्रभुता को रौंदने और युद्धविराम तथा प्रस्ताव 1701 का खुलेआम उल्लंघन करने के बराबर है। दुश्मन हर दिन अमेरिका-समर्थित और यहां तक कि संयुक्त योजना के तहत लेबनान और फ़िलिस्तीन के खिलाफ अपराधों को जारी रखता है।
हिज़्बुल्लाह ने ज़ोर दिया कि लेबनानी सरकार को समझना चाहिए कि दुश्मन के सामने किसी भी प्रकार की कमजोरी या समर्पण केवल उसकी बर्बरता और विस्तारवादी नीति को बढ़ाएगा।
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