28 अक्तूबर 2025 - 14:08
लेबनान की रक्षा क्षमता मजबूत होती तो हिज़्बुल्लाह का गठन न होता 

कुछ लेबनानी गुट ज़ायोनी हमलों को औचित्य प्रदान कर रहे हैं और दुश्मन के अपराधों के लिए उसके बहानों को सही साबित करने की कोशिश कर रहे हैं, जबकि इस्राईली योजना का उद्देश्य पूरे लेबनान को निगलना है।

लेबनानी संसद के सदस्य मोहम्मद रअद ने कहा है कि हिज़्बुल्लाह का अस्तित्व तब हुआ जब सरकार जनता की रक्षा में विफल हो गई थी।

उन्होंने कहा कि इस्राईल ने "औलिल-बास" ऑपरेशन में दक्षिणी लेबनान के सीमा क्षेत्रों पर कब्जा करने में असफल रहने के बाद युद्धविराम की सहमति जताई थी, लेकिन इसके बाद से वह अपने वादों से मुकर गया और थल, जल और हवा हर तरफ से हमले जारी रखे हुए है।

मोहम्मद रअद ने कहा कि दुश्मन लगातार युद्धविराम का उल्लंघन कर रहा है, नागरिकों को निशाना बना रहा है, उनके घरों के पुनर्निर्माण में रुकावट डाल रहा है और उन्हें उनके गांवों में लौटने से रोक रहा है। इसके साथ ही वह पूरे लेबनान की शांति और स्थिरता को खतरे में डाल रहा है।

उन्होंने अफसोस जताया कि कुछ लेबनानी गुट ज़ायोनी हमलों को औचित्य प्रदान कर रहे हैं और दुश्मन के अपराधों के लिए उसके बहानों को सही साबित करने की कोशिश कर रहे हैं, जबकि इस्राईली योजना का उद्देश्य पूरे लेबनान को निगलना है।

रअद ने जोर दिया कि लेबनानी जनता की एकता और आंतरिक सहयोग ही इस्राईली आक्रमणों के खिलाफ सबसे बड़ी ढाल है, और सभी लेबनानियों को एक मजबूत रुख पर एकजुट होना चाहिए ताकि दुश्मन अपने लक्ष्यों में सफल न हो। उनके अनुसार, इस्राईली क्रूरता की सबसे बड़ी वजह लेबनानी समाज में असहमति और विभाजन है।

उन्होंने कहा कि हमें दुश्मन को यह मौका नहीं देना चाहिए कि वह हमारे आंतरिक मतभेदों का फायदा उठाए। हिज़बुल्लाह अपनी राष्ट्रीय जिम्मेदारी को तब तक निभाएगा जब तक राज्य खुद अपनी ज़मीन और जनता की रक्षा करने की क्षमता और तत्परता नहीं दिखा देता।

मोहम्मद रअद ने यह भी कहा कि जब राष्ट्रीय सुरक्षा और रक्षा के व्यापक योजना पर चर्चा होगी, तो इसमें प्रतिरोध की भूमिका को स्पष्ट रूप से स्वीकार किया जाएगा, जो अन्य राष्ट्रीय संस्थाओं और सेना के साथ मिलकर देश की रक्षा में अपना योगदान देगा।

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