ईरान की इस्लामी क्रांति के सुप्रीम लीडर हज़रत आयतुल्लाह खामेनेई के वरिष्ठ सलाहकार अली अकबर विलायती ने ईरान और चीन के रिश्तों को ऐतिहासिक और रणनीतिक बताते हुए कहा कि दोनों देशों के बीच सहयोग को वर्तमान क्षेत्रीय और वैश्विक बदलावों के संदर्भ में और अधिक बढ़ाना अनिवार्य है।
चीन के राजदूत मंग पिवो ने तेहरान में डॉ. विलायती से मुलाकात की। इस मुलाकात में ईरान-चीन संबंधों, वैश्विक और क्षेत्रीय मामलों, अमेरिका की विस्तारवादी नीतियों और दुनिया भर में उसकी हस्तक्षेप, साथ ही ग़ज़्ज़ा में ज़ायोनी अत्याचारों पर वाशिंगटन के समर्थन जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा की गई।
इस मौके पर विलायती ने कहा कि ईरान और चीन के रिश्ते केवल ऐतिहासिक ही नहीं, बल्कि रणनीतिक गहराई से भी भरपूर हैं। दोनों देश आपसी हितों, राजनीतिक स्वतंत्रता और आपसी सम्मान के आधार पर अपने संबंधों को और विस्तारित कर सकते हैं।
उन्होंने कहा कि एशिया में तीन स्वतंत्र और प्रभावशाली देश ईरान, चीन और रूस वैश्विक व्यवस्था के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।
विलायती ने चीन के ईरान के परमाणु समझौते के प्रति सैद्धांतिक दृष्टिकोण की सराहना की और कहा कि अंतरराष्ट्रीय मंचों पर बीजिंग का सकारात्मक समर्थन दोनों देशों के बीच मित्रवत सहयोग और आपसी विश्वास को दर्शाता है।
चीन के राजदूत कांग पिवो ने भी ईरान-चीन रिश्तों को मूल्यवान और ऐतिहासिक बताते हुए विलायती की द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत बनाने में भूमिका की सराहना की और कहा कि ईरान के साथ संबंध हमेशा चीन के लिए विशेष महत्व रखते हैं।
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