6 सितंबर 2025 - 02:17
हिज़्बुल्लाह के निरस्त्रीकरण पर विवाद, कैबिनेट मंत्रियों ने किया वॉकआउट 

अबू जैनब ने कहा कि सरकार की जिद लेबनान को अत्यंत खतरनाक राजनीतिक संकट की ओर धकेल रही है। उन्होंने राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को इस स्थिति का सीधा जिम्मेदार ठहराया।

लेबनान सरकार की कैबिनेट की प्रतिरोधी दल हिज़्बुल्लाह को निरस्त्र करने के बारे में महत्वपूर्ण बैठक मतभेदों के कारण तनावपूर्ण माहौल में समाप्त हो गई। बैठक में राष्ट्रपति जोसेफ औन और प्रधानमंत्री नवाफ सलाम भी शामिल हुए।

अल-मयादीन के अनुसार, बैठक से पहले राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के बीच एक अलग मुलाकात भी हुई थी। बैठक के दौरान जब लेबनानी सेना के कमांडर रोडोल्फ हिकल ने अपनी योजना पर औपचारिक चर्चा शुरू की, तो हिज़्बुल्लाह और अमल आंदोलन से संबंधित चार शिया मंत्रियों ने वॉकआउट करते हुए बैठक का बहिष्कार कर दिया। फादी मकी समेत कई अन्य मंत्रियों ने भी इस कदम में उनका साथ दिया।

श्रम मंत्री मोहम्मद हैदर ने अल-मनार से बातचीत में स्पष्ट किया कि मंत्रियों का यह कदम अमेरिकी योजना के खिलाफ विरोध स्वरूप था क्योंकि यह योजना राष्ट्रीय समझौते के खिलाफ है।

उन्होंने कहा कि कैबिनेट का कोई भी फैसला अगर शिया प्रतिनिधियों की भागीदारी के बिना किया गया तो वह गैरकानूनी होगा।

रिपोर्ट्स के मुताबिक मंत्रियों ने राष्ट्रपति भवन के मुख्य हॉल को छोड़ दिया और स्पष्ट घोषणा की कि वे फिर से बैठक में वापस नहीं आएंगे। इस घटना के बाद लेबनान में प्रतिरोध को निरस्त्र करने का मुद्दा और अधिक जटिल हो गया है।

शिया मंत्री फादी मकी ने राष्ट्रपति जोसेफ औन से मुलाकात में अपना इस्तीफा हाथ से लिखकर पेश किया और कहा कि अगर जरूरत हुई तो वह आधिकारिक तौर पर इस्तीफा जमा कर देंगे।

वहीं हिज़्बुल्लाह के राजनीतिक कार्यालय के सदस्य गालिब अबू जैनब ने कहा कि सरकार की जिद लेबनान को अत्यंत खतरनाक राजनीतिक संकट की ओर धकेल रही है। उन्होंने राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को इस स्थिति का सीधा जिम्मेदार ठहराया।

अबू जैनब ने आगे कहा कि हिज़्बुल्लाह के पास सभी विकल्प सुरक्षित हैं। आगामी कार्रवाइयाँ स्थितियों और बैठक के परिणामों के आधार पर तय की जाएंगी।

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