:قالَ الاْمامُ علىّ بن أبی طالِب أمیرُ الْمُؤْمِنینَ (عَلَیْهِ السلام)
لا ینبغى للعبد ان یثق بخصلتین: العافیة و الغنى، بَیْنا تَراهُ مُعافاً اِذْ سَقُمَ، وَ بَیْنا تَراهُ غنیّاً إذِ افْتَقَرَ.(13)
.بحارالأنوار: ج 69، ص 68، س 2، ضمن ح 2
अमीरुल मोमेनीन अ.स.
इंसानों के लिए यह मुनासिब नहीं है कि वह दो हालतों पर भरोसा करें: सेहत और मालदारी और धन संपदा। इसलिए कि संभव है अचानक कोई बीमारी आ जाए और स्वास्थ्य और सलामती से हाथ धोना पड़ जाए, या अचानक गरीबी और तंगहाली आ जाए और धन-दौलत हाथ से निकल जाए।
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