4 जून 2025 - 17:49
आलिम का मक़ाम और मर्तबा

... एक ऐसा अंतराल पैदा हो जाता है जिसे क़यामत के दिन तक कोई भी चीज़ नहीं भर सकती। 

:امام على عليه ‏السلام

إذا ماتَ العالِمُ ثُلِمَ فِي الإسلامِ ثُلمَةٌ لايَسُدُّها شَيءٌ إلى يَومِ القِيامَةِ؛

 [المحاسن: ج 1 ، ص 364]

अमीरुल मोमेनीन हज़रत अली अ.स.:

हर दानिशमंद और आलिम की मौत के साथ इस्लाम में एक ऐसा अंतराल पैदा हो जाता है जिसे क़यामत के दिन तक कोई भी चीज़ नहीं भर सकती। 

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