हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला के संजौली इलाके में स्थित बहुमंजिला मस्जिद को लेकर हिंदूवादी संगठन लगातार विरोध कर रहे है। संजौली मस्जिद विवाद में अब एक नया मोड़ सामने आया ह। हिंदू संगठनों और कुछ अधिकारियों की साजिश का पर्दफाश करती हुए उत्तर भारत के मशहूर मुस्लिम संगठन अखिल हिमाचल मुस्लिम ऑर्गनाइजेशन' ने ऐतिहासिक दस्तावेज पेश किये है।
अखिल हिमाचल मुस्लिम ऑर्गनाइजेशन' ने दावा किया है कि संजौली की ऐतिहासिक मस्जिद किसी भी तरह की अवैध कब्जा नहीं है बल्कि पूरी तरह से कानूनी रूप से स्थापित धार्मिक जगह है।
मंगलवार को शिमला में मीडिया से बात करते हुए संगठन के अध्यक्ष नजाकत अली हाशमी ने कहा कि संजौली मस्जिद एक सदी से भी ज्यादा समय से मौजूद है, इसका सरकारी रिकॉर्ड में साफ जिक्र मिलता है। उन्होंने कहा कि मस्जिद वहां 1915 से मौजूद है और यह 1997-98 एवं 2003 के रेवेन्यू रिकॉर्ड में भी दर्ज है।
हाशमी ने आरोप लगाया कि बाद के वर्षों में रिकॉर्ड में इस तरह की बदलाव दिखाई देते हैं, जिनसे संकेत मिलता है कि दस्तावेजों में छेड़छाड़ कर भूमि का मालिकाना हक सरकार के नाम दर्ज कर दिया गया। उन्होंने कहा कि यह मस्जिद पहले भी कानूनी रूप से मान्य थी और आज भी है। उन्होंने आगे बताया कि मस्जिद कमेटी ने अतिरिक्त निर्माण यानी नई मंजिलों के लिए भी पूरी प्रक्रिया का पालन किया था।
10 दिसंबर 2025 - 15:59
समाचार कोड: 1760145
मस्जिद वहां 1915 से मौजूद है और यह 1997-98 एवं 2003 के रेवेन्यू रिकॉर्ड में भी दर्ज है, बाद के वर्षों में रिकॉर्ड में इस तरह की बदलाव दिखाई देते हैं, जिनसे संकेत मिलता है कि दस्तावेजों में छेड़छाड़ कर भूमि का मालिकाना हक सरकार के नाम दर्ज कर दिया गया।
आपकी टिप्पणी