;رسول اکرم (ص)
قَلبٌ لَيسَ فيهِ شَيءٌ مِنَ الحِكمَةِ كَبَيتٍ خَرِبٍ، فتَعَلَّموا و عَلِّموا و تَفَقَّهوا، و لا تَموتوا جُهّالاً؛ فإنَّ اللّهَ لا يَعذِرُ عَلَى الجَهلِ
كنز العمّال : ح٢٨٧٥٠
रसूले अकरम स.अ.
वह दिल जिसमें इल्म और हिकमत न हो, एक जर्जर और वीरान घर के समान है।
इसलिए इल्म हासिल करो, दूसरों को सिखाओ, समझ विकसित करो, और जिहालत की हालत में मत मरना, क्योंकि अल्लाह जिहालत को कोई बहाना नहीं मानता।
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