सूडान में जारी सत्ता के संघर्ष के बीच अमीरती मिलिशिया RSF ने अल-फाशेर पर कब्जा जमाने के बाद बड़े पैमाने पर आम नागरिकों का कत्लेआम किया है।
इस्लामी ईरान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने सूडान के दारफुर राज्य की राजधानी अल-फाशेर में बढ़ती सैन्य झड़पों पर चिंता व्यक्त की है। उन्होंने नागरिकों पर हमलों और क्षेत्र के बुनियादी ढांचे की तबाही को अमानवीय बताया और इसकी निंदा की।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता इस्माइल बकाई ने अल-फाशेर की गंभीर स्थिति की ओर इशारा करते हुए हिंसा को तुरंत रोकने और नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की आवश्यकता पर जोर दिया।
उन्होंने सूडान के पुनः विभाजन की दिशा में की जा रही संदिग्ध और खतरनाक गतिविधियों के प्रति चेतावनी दी और देश की राष्ट्रीय संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के सम्मान की अपील की। साथ ही, उन्होंने संघर्षरत पक्षों से कहा कि वे राजनीतिक मतभेदों से ऊपर उठकर राष्ट्रीय हितों को प्राथमिकता दें।
सूडान में वर्तमान संघर्ष 15 अप्रैल 2023 से जारी है। यह झड़पें जनरल अब्दुल फतह अल-बुरहान के नेतृत्व वाली सेना और मोहम्मद हमदान दगालो हमीदती के नेतृत्व वाले रैपिड सपोर्ट फोर्स (RSF) के बीच उस विवाद से शुरू हुईं, जो 2021 के तख्तापलट के बाद RSF बलों के सेना में विलय के तरीके पर था।
अंतरराष्ट्रीय समुदाय और कई मध्यस्थों के बार-बार प्रयासों के बावजूद, सूडान का संकट अब तक किसी समाधान तक नहीं पहुंचा है।
1956 में स्वतंत्रता प्राप्त करने के बाद से सूडान लगातार राजनीतिक अस्थिरता से जूझता रहा है। देश में 20 बार तख्तापलट की कोशिशें हुईं और दो विनाशकारी गृहयुद्ध लड़े गए, जिनके परिणामस्वरूप 2011 में दक्षिण सूडान अलग होकर स्वतंत्र देश बन गया।
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