हिज़्बुल्लाह लेबनान के महासचिव शेख नईम क़ासिम ने अल-मीनार नेटवर्क के साथ एक एक वार्ता मे कहा कि "युद्ध की संभावना है, लेकिन यह निश्चित नहीं है; यह इस बात पर निर्भर करता है कि ज़ायोनी दुश्मन मैदान में उपलब्ध डेटा के आधार पर क्या निर्णय लेता है, और हमारे पास इस संभावना के लिए तैयार रहने के अलावा कोई विकल्प नहीं है।
उन्होंने कहा कि इस्राईल लेबनान में अपने लक्ष्यों को हासिल नहीं कर सकता, और यदि युद्ध हम पर थोप दिया जाता है, तो हम एक लकड़ी के टुकड़े से भी इस्राईल को गुजरने नहीं देंगे। हम अपने आखिरी व्यक्ति के ज़िंदा रहने तक उसके खिलाफ लड़ेंगे।
शेख क़ासिम ने कहा कि "आज हम 'उलुल्-बास' की लड़ाई से बेहतर स्थिति में हैं; हमारी बातचीत, भावनाएँ, ताकत, स्थिरता, इज्जत और दृढ़ता में लगातार प्रगति हो रही है। हम प्रतिरोध के रूप में हाज़िर हैं और अपने फर्ज को निभा रहे हैं। प्रतिरोध की निरंतरता का आधार विश्वास और इरादा है; जो कुछ भी हथियार और संख्या के रूप में मौजूद है, वह विश्वास और इरादे का प्रतीक है।"
उन्होंने कहा कि प्रतिरोध अपनी शक्ति और तत्परता को पुनः प्राप्त कर चुका है और उसकी क्षमता सुधार की ओर है। लेबनान में प्रतिरोध एक राष्ट्रीय प्रतिरोध है; यह सही है कि यह मुख्य रूप से शिया समुदाय में सक्रिय है, लेकिन प्रतिरोध सभी समुदायों और लेबनान के लिए है।
हिज़्बुल्लाह के महासचिव ने राज्य द्वारा हथियार रखने पर प्रतिबंध के मुद्दे पर कहा कि हथियार रखना हमारी राष्ट्रीय रक्षा और हमारी उपस्थिति का अविभाज्य हिस्सा है, क्योंकि हमारे अस्तित्व और हमारे देश के अस्तित्व के बीच कोई अंतर नहीं है।
उन्होंने कहा कि हिज़्बुल्लाह की सैन्य उपस्थिति दुश्मन के कब्जे से संबंधित है। प्रतिरोध की भूमिका समाप्त नहीं हुई है क्योंकि आक्रमणकारी कार्रवाई जारी है।
शेख क़ासिम ने स्पष्ट किया कि लेबनानी सेना को आक्रमण का मुकाबला करना चाहिए, और जहाँ सेना अपनी जिम्मेदारी निभाने में सक्षम नहीं है, वहाँ वह नागरिक प्रतिरोध होगा जो मुकाबला करेगा।
उन्होंने कहा कि सेना और प्रतिरोध के बीच समन्वय होना चाहिए ताकि वे आक्रमण का सामना कर सकें। हिज़्बुल्लाह लेबनान सरकार और सेना के साथ एक सकारात्मक रक्षा रणनीति पर चर्चा करने के लिए तैयार है ताकि एक राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति तक पहुँचा जा सके।
आपकी टिप्पणी