ईरान, रूस और चीन ने IAEA (अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी) के प्रमुख राफ़ाएल ग्रोसी को एक संयुक्त पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने संयुक्त राष्ट्र की प्रस्तावना और संकल्प 2231 के तहत अपना संयुक्त रुख स्पष्ट किया है।
तीनों देशों ने पश्चिमी देशों द्वारा “स्नैबैक” तंत्र को अवैध ठहराने के प्रयासों की निंदा करते हुए कहा कि प्रस्ताव 2231 की सभी शर्तें 18 अक्टूबर 2025 को समाप्त हो चुकी हैं। इसके तहत अब ईरान की परमाणु गतिविधियों की निगरानी और रिपोर्टिंग का कोई वैधानिक आधार नहीं बचा है।
ईरान, रूस और चीन के प्रतिनिधियों ने IAEA के निदेशक को लिखा कि सुरक्षा परिषद की प्रस्ताव 2231 की सभी शर्तें 18 अक्टूबर को अपनी अवधि पूरी कर चुकी हैं, इसलिए अब इस प्रस्ताव के तहत निगरानी और रिपोर्टिंग की प्रक्रिया को समाप्त समझा जाए।
ईरान के उप-विदेश मंत्री काज़िम गरीबाबादी ने कहा कि यह कदम तीनों देशों की संयुक्त कूटनीतिक पहल का हिस्सा है। इससे पहले रूस, चीन और ईरान ने संयुक्त राष्ट्र के महासचिव और सुरक्षा परिषद के अध्यक्ष को भी एक पत्र भेजा था, जिसमें प्रस्ताव 2231 के अंत की औपचारिक सूचना दी गई थी।
गरीबाबादी ने स्पष्ट किया कि ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी द्वारा स्नैपबैक तंत्र को सक्रिय करने का प्रयास अवैध और अस्वीकार्य है। चूंकि प्रस्ताव की अवधि पूरी हो चुकी है, इसलिए अब इसके तहत एजेंसी की निगरानी, रिपोर्टिंग और फॉलो-अप कार्रवाइयों का कोई वैधानिक महत्व नहीं है।
पत्र में IAEA बोर्ड ऑफ़ गवर्नर्स के 15 दिसंबर 2015 के प्रस्ताव की धारा 14 का हवाला देते हुए कहा गया है कि ईरान से संबंधित मामला अधिकतम 10 वर्ष तक या व्यापक रिपोर्ट के प्रकाशन तक एजेंडे में रह सकता है, इसलिए 18 अक्टूबर के बाद यह स्वतः समाप्त हो चुका है।
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