20 अक्तूबर 2025 - 15:23
ईरान उम्मीद का केंद्र, हताश इस्राईल को हौसला देने तल अवीव गया ट्रम्प 

“अमेरिकी राष्ट्रपति ने मक़बूज़ा फ़िलिस्तीन का दौरा किया और वहाँ कुछ बेतुकी बातें कीं ताकि निराश ज़ायोनियों को उम्मीद दिलाई जा सके और उनका हौसला बढ़ाया जा सके। मेरी नज़र में यह दौरा और उसकी बातें उसी मक़सद के लिए थीं।

ईरान की  इस्लामी क्रांति के सुप्रीम लीडर हज़रत आयतुल्लाह अली ख़ामेनेई ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सफल रहे ईरानी खिलाड़ियों और शैक्षिक प्रतियोगिताओं में इनाम जीतने वाले विद्यार्थियों से मुलाक़ात के दौरान कहा कि “आज ईरान उम्मीद, हिम्मत और सफलता का केंद्र है, जबकि दुश्मन मायूसी फैलाने की कोशिश कर रहा है। हाल के दिनों में ईरान के खिलाफ कुछ बेबुनियाद बातें की जा रही हैं और हम उन पर चुप नहीं रह सकते।

उन्होंने कहा कि “अमेरिकी राष्ट्रपति ने मक़बूज़ा फ़िलिस्तीन का दौरा किया और वहाँ कुछ बेतुकी बातें कीं ताकि निराश ज़ायोनियों को उम्मीद दिलाई जा सके और उनका हौसला बढ़ाया जा सके। मेरी नज़र में यह दौरा और उसकी बातें उसी मक़सद के लिए थीं। ये लोग 12 दिन की जंग में ऐसी चोट खा चुके हैं जिसकी उन्हें उम्मीद उन्हे नहीं थी, और अब वो हताश हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति उन्हें इस मायूसी से निकालने तल अवीव गए थे।

आयतुल्लाह खामेनेई ने कहा कि “ईरान उम्मीद की निशानी है। कुछ लोग नौजवानों में मायूसी और शक पैदा करने की कोशिश करते हैं, मगर ये सब व्यर्थ है। ईरानी नौजवान सक्षम और प्रतिभाशाली हैं। हमें उनकी क्षमता, हुनर और ताक़त को पहचानना चाहिए। अगर वो हिम्मत करें, तो हर ऊँचाई तक पहुँच सकते हैं, जैसे तुम पहुँचे हो। खेल या शिक्षा, हर क्षेत्र में तुम्हारी यह जीत दिखाती है कि मेहनत और हिम्मत से सब मुमकिन है।

उन्होंने कहा कि “मैडल पाने वाले खिलाड़ियों और विद्यार्थियों ने अपनी मेहनत से पूरी क़ौम को ख़ुश किया है। तुमने न सिर्फ़ अपने साथियों को प्रेरित किया, बल्कि दुश्मनों के मायूसी फैलाने के एजेंडे को भी नाकाम किया। आज जब दुश्मन ईरानियों को निराश करने की कोशिश कर रहा है, तुम्हारी यह जीत उसका सबसे असरदार जवाब हैं। तुम जो भी जीतते हो, वो ईरान के नाम से होती है; तुम्हारा हर सज्दा और हर दुआ हमारी क़ौम की पहचान है।

आख़िर में उन्होंने कहा कि “जो नौजवान आज शैक्षिक प्रतियोगिताओं में सफल हुए हैं, वो एक चमकते हुए सितारे हैं; अगर मेहनत जारी रखी तो दस साल बाद सूरज बन सकते हैं। मैं अधिकारियों से भी कहता हूँ कि इन नौजवानों को कभी नज़रअंदाज़ न करें — इन्हें और आगे बढ़ने के अवसर दें, ताकि ये आने वाले समय में और बड़ी कामयाबियाँ हासिल कर सकें।”

आपकी टिप्पणी

You are replying to: .
टिप्पणीसंकेत
captcha