दोहा में आयोजित अरब-इस्लामी देशों के शिखर सम्मेलन की शुरुआत में क़तर के प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री मोहम्मद बिन अब्दुलरहमान अल सानी ने कहा कि सम्मेलन में शामिल अरब देशों ने इस्राईल के बर्बर हमले की निंदा की है और क़तर की संप्रभुता की रक्षा के लिए उठाए गए कानूनी कदमों का समर्थन किया है।
उन्होंने ज़ोर दिया कि इस हमले का जवाब कड़े और ठोस कदमों से दिया जाना चाहिए। क़तर के प्रधानमंत्री ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपील की कि अब समय आ गया है कि दुनिया दोहरे मानकों को छोड़कर इस्राईल को उसके सभी अपराधों के लिए जवाबदेह ठहराए।
गज़्ज़ा युद्ध के परिणाम का ज़िक्र करते हुए उन्होंने कहा कि इस्राईल को यह समझ लेना चाहिए कि फ़िलिस्तीनी जनता के खिलाफ जारी नरसंहार और उन्हें जबरन अपनी मातृभूमि से बाहर करने की कोशिशें कभी सफल नहीं हो सकतीं, चाहे इनके लिए कितने ही झूठे बहाने क्यों न दिए जाएं।
अल सानी ने यह भी कहा कि इस्राईल जानबूझकर युद्ध को और बढ़ा रहा है और विभिन्न युद्धविराम प्रस्तावों को ठुकरा कर पूरे क्षेत्र, यहां तक कि अपने नागरिकों को भी गंभीर ख़तरे में डाल रहा है।
दोहा अरब और इस्लामी देशों की आपात बैठक की मेज़बानी कर रहा है, जो पिछले हफ्ते क़तर में हमास अधिकारियों पर इस्राईली हमले के बाद बुलाई गई है। इस सम्मेलन में इस्लामी देशों के नेता सामूहिक एकजुटता और ठोस प्रतिक्रिया का प्रदर्शन करेंगे।
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