लेबनानी सेना के रिटायर जनरल हिशाम जाबेर ने अवैध राष्ट्र इस्राईल की ओर से ईरान पर थोपी जानी वाली जंग के बारे मे बात करते हुए कहा कि ज़ायोनी शासन के 75 साल का अस्तित्व उथल-पुथल भरा रहा है।
ईरान के खिलाफ जंग छेड़ना इस्राईल को बहुत भारी पड़ा और इन 10 दिनों ने इस्राईल को पतन के कगार पर पहुँचा दिया था ।
" सेवानिवृत्त लेबनानी जनरल ने कहा कि सभी जानते हैं कि इस युद्ध के दसवें दिन, इस्राईल ने संयुक्त राज्य अमेरिका से मदद माँगी थी क्योंकि वह इन हमलों का विरोध नहीं कर सका और प्रहार सहन नहीं कर सका।
सभी जानते हैं कि लंबे समय तक चलने वाले युद्ध में ईरान तो टिक सकता है, लेकिन इस्राईल दो हफ़्ते भी नहीं टिक सकता।
अगर इस्राईल पिछली बार की तरह ईरान पर हमला करने की हिम्मत करता है, तो मुझे यकीन है कि ईरान की प्रतिक्रिया कहीं ज़्यादा कठोर होगी। पिछले 75 सालों में, इस्राईल के अस्तित्व को इन 10 दिनों जितना नुकसान कभी नहीं हुआ।
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