फ्रांस के विदेश मंत्री ने ईरान की ताकत का लौहा मानते हुए कहा कि ईरान को मामूली समझने की भूल नहीं करना चाहिए। पश्चिमी नीति निर्माताओं को ईरान की तकनीकी और वैज्ञानिक क्षमताओं को कम करके न आंकने की चेतावनी देते हुए फ्रांसीसी रक्षा मंत्री सेबेस्टियन लेकोर्नू ने कहा कि हम ईरान की रणनीतिक, तकनीकी, वैज्ञानिक क्षमताओं और प्राकृतिक संसाधनों को कम आंकने की गंभीर गलती करते हैं। हम इसे एक बहुत छोटा देश मानते हैं, जबकि वास्तविकता इसके विपरीत है।
उन्होंने बताया कि 1979 की इस्लामी क्रांति के बाद से गंभीर सुरक्षा चुनौतियों, अंतर्राष्ट्रीय प्रतिबंधों और दबावों का सामना करने के बावजूद, इस्लामी गणराज्य ईरान ने न केवल खुद को बनाए रखा है, बल्कि खुद को मजबूत भी किया है।
लेकोर्नू ने अमेरिकी हमलों का जिक्र करते हुए कहा कि नतंज़, इस्फ़हान और फ़ोर्दो को काफी नुकसान हुआ है, लेकिन इस नुकसान का सही आकलन करने के लिए, भूमिगत जाना होगा।
उन्होंने आगे कहा कि तेहरान ने पिछले दो दशकों में अपनी तकनीकी क्षमताओं को इतना उन्नत कर लिया है कि कुछ वैज्ञानिकों की हत्या पूरी वैज्ञानिक प्रणाली को नष्ट नहीं कर सकती। कुछ वैज्ञानिकों को रास्ते से हटाने से केवल भय पैदा होता है, ज्ञान नष्ट नहीं होता। ये कदम कार्यक्रम में अस्थायी रूप से देरी तो कर सकते हैं, लेकिन इसे ख़त्म नहीं करेंगे।
उन्होंने ईरान के मिसाइल प्रौद्योगिकी विकास को हाल के वर्षों में सबसे आश्चर्यजनक विकास बताया और कहा कि ईरान ने अब मिसाइल प्रौद्योगिकी में पूर्ण महारत हासिल कर ली है। ईरान का वैज्ञानिक और सैन्य बुनियादी ढाँचा अब इतना संगठित और गहन है कि इसे केवल धमकियों या प्रतिबंधों से कमज़ोर नहीं किया जा सकता।
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