पिछले शुक्रवार से जब अवैध राष्ट्र ने ईरान पर हमला किया है, तब से वहां पढ़ रहे हजारों भारतीय मेडिकल छात्र काफी डरे हुए हैं। जो छात्र अपने डॉक्टर बनने के सपने को पूरा करने के लिए ईरान गए थे, अब वे जंग के माहौल में फंस गए हैं। तेहरान की इस्लामिक आजाद यूनिवर्सिटी में एमबीबीएस के तीसरे साल की छात्रा फातिमा ख़ाखी ने इकोनॉमिक टाइम्स को बताया, 'हम डरे हुए हैं। नींद नहीं आ रही, हर वक्त टेंशन में रहते हैं। हमारे घरवाले भी परेशान हैं और हमें लेकर बहुत चिंता में हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, फिलहाल करीब 2000 से अधिक भारतीय छात्र ईरान के अलग-अलग मेडिकल कॉलेजों में पढ़ाई कर रहे हैं। इनमें तेहरान यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिकल साइंसेज, शहीद बहिश्ती यूनिवर्सिटी, हमदान यूनिवर्सिटी, गुलिस्तान यूनिवर्सिटी, किरमान यूनिवर्सिटी जैसे कई संस्थान शामिल हैं।
शहीद बहिश्ती यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाले एक और छात्र ने कहा, 'ऐसा लग रहा है जैसे हम किसी वॉर मूवी का हिस्सा हैं, फर्क बस इतना है कि यह रियल है।
विदेश मंत्रालय ने कहा है कि कुछ छात्रों को ईरान में ही सुरक्षित जगहों पर शिफ्ट किया जा रहा है, जिसमें भारतीय दूतावास मदद कर रहा है। कुछ खबरों में बताया गया कि भारतीय दूतावास ने अराक यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिकल साइंसेज और शिराज यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिकल साइंसेज को चिट्ठी भेजी है, जिसमें उनसे कहा गया है कि वह भारतीय छात्रों की निकासी में मदद करें।
दूतावास ने बताया कि निकासी की तैयारी कर ली गई है और छात्रों को यूनिवर्सिटी छोड़ने की इजाजत दी जा सकती है। साथ ही दूतावास ने यह भरोसा दिलाया है कि वह छात्रों की सुरक्षित वापसी और उनकी सुरक्षा की जिम्मेदारी ले रहा है।
हर साल NEET-UG एग्जाम में करीब 23 लाख छात्र बैठते हैं, जबकि पूरे देश में MBBS की सिर्फ 1.1 लाख सीटें हैं। इनमें भी सिर्फ करीब 55,000 सीटें सरकारी कॉलेजों में हैं, जिनकी फीस आम लोगों के बजट में होती है। बाकी की सीटें प्राइवेट कॉलेजों में होती हैं, जहां फीस इतनी ज्यादा है कि मिडिल क्लास फैमिली के लिए बहुत मुश्किल हो जाता है। अब ऐसे में जो छात्र डॉक्टर बनने का सपना देखते हैं, वो विदेश का रुख करते हैं और ईरान एक बेहतर ऑप्शन बनकर उभरा है। वहां की ट्यूशन फीस कम है, यूरोप या अमेरिका से कहीं सस्ती। रहने का खर्च भी किफायती है जिससे मिडिल क्लास परिवारों को राहत मिलती है। कई यूनिवर्सिटी स्कॉलरशिप भी देती हैं। 5 साल का पूरा MBBS कोर्स मिलाकर कुल खर्च 14-15 लाख रुपये तक होता है, जबकि यही कोर्स बांग्लादेश में 40 लाख तक पहुंच जाता है। इसके अलावा, ईरान के मेडिकल कॉलेजों में अच्छा इंफ्रास्ट्रक्चर है। मॉडर्न पढ़ाई का तरीका है और शुरुआत से ही क्लिनिकल एक्सपीरियंस मिल जाता है।
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