ताजा खबर
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सेवारमज़ानुल मुबारक अल्लाह से क़रीब होने का बेहतरीन मौक़ा
यह महीना अल्लाह से क़रीब होने का वक्त है। यह रिश्तों को जोड़ने, नाराज़गियाँ खत्म करने और आपसी मोहब्बत को बढ़ाने का बेहतरीन मौका है। खुशकिस्मत हैं वो लोग जो इस महीने की अहमियत को समझते हैं और इसके हर पल को इबादत,…
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आयतुल्लाहिल-उज़मा जवादी आमुली:
लेखनमाज़ में दिल ना लगने का कारण?
अगर कोई नमाज़ के बाहर सावधान रहे, तो उसे नमाज़ के अंदर अल्लाह से जुड़ने और सच्ची इबादत का सौभाग्य प्राप्त होता है।"
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Hindiहज़रत फ़ातिमा मासूमा (स.अ) की ज़िंदगी पर एक निगाह
सभी ख़ुशी ख़ुशी मदीने से वापस निकल ही रहे थे कि अचानक रास्ते में इमाम मूसा काज़िम अलैहिस्सलाम से मुलाक़ात हो गई, उन्होंने इमाम से पूरा माजरा बताया और सवालों के जवाब दिखाए, इमाम ने 3 बार फ़रमाया: उस पर उसके बाप क़ुर्बान…
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Hindiनसरुल्लाह, इमामे ज़माना का सच्चा सिपाही
शहादत का अर्थ केवल अपनी जान देना नहीं है, बल्कि यह उस सिद्धांत के लिए जीना है, जिसमें इंसानियत और इंसाफ की बात हो। उनके अनुयायियों का यह विश्वास है कि अगर नसरुल्लाह शहीद भी हो जाएं, तो उनकी विचारधारा और उनका संघर्ष…
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Hindiरसूले इस्लाम (स.अ.) और आपका सादा जीवन
मुझे इस दुनिया की आराम देने वाली चीज़ों से क्या लेना देना, मेरी और दुनिया की मिसाल एक सवारी की तरह है जो थोड़ी देर आराम करने के लिए एक पेड़ के नीचे रुकती है और उसके बाद तेज़ी से अपनी मंज़िल की ओर बढ़ जाती है।
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Hindiहमास के राजनैतिक दफ्तर के प्रमुख इस्माइल हनिया कौन थे ?
हमास ने 16 फरवरी 2006 में हनिया को फ़िलिस्तीनी प्राधिकरण का प्रधानमंत्री नामित किया। उन्हें उसी साल 20 फरवरी को नियुक्त भी कर दिया गया लेकिन एक साल बाद ही फ़िलिस्तीनी नेशनल अथॉरिटी के प्रमुख महमूद अब्बास ने उन्हें…
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Hindiग़दीर, इस्लामी इतिहास का सबसे बड़ा दिन
शेखैन (अबु बकर व उमर) और रसूले अकरम (स.) के असहाब ने हज़रत के मिम्बर से नीचे आने के बाद अली (अ.) को मुबारक बाद पेश की और मुबारकबादी का यह सिलसिला मग़रिब तक चलता रहा। शैखैन (अबु बकर व उमर) वह पहले लोग थे जिन्होंने…
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Hindiहाजी मरें या जियें आले सऊद को तो कमाई से मतलब
इस साल भी बड़ी संख्या में हाजियों ने कुप्रबंधन की शिकायत की है। शिकायत में शिविरों में साफ-सफाई की कमी, अपर्याप्त भोजन और मिना में टेंट सिटी में भीड़भाड़ शामिल है। तेलंगाना के एक तीर्थयात्री ने सोशल मीडिया पर वीडियो…
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इमाम ख़ुमैनी की बरसी
Hindiफिलिस्तीन और मज़लूमों के हक़ीक़ी मददगार इमाम ख़ुमैनी
आप का दौर तानाशाह मोहम्मद रज़ा पहेलवी की हुकूमत का दौर था, मोहम्मद रज़ा साम्राज्यवादी देशों का पिठ्ठू था, वह एक बेदीन और इस्लाम का दुश्मन इंसान था जिसकी असली दुश्मनी हौज़े और दीनी मदरसों से थी, वह नौजवान स्टूडेंट्स…
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Hindiइमाम अली रज़ा अ.स. की ज़िंदगी पर एक निगाह
आपकी कुन्नियत “अबुल हसन” है। कुछ रिवायतों के अनुसार आपके उपनाम “रज़ा”, “साबिर”, “रज़ी” और “वफ़ी” हैं हालांकि आपका मशहूर लक़ब “रज़ा” है। आपकी इमामत की अवधि 20 साल थी और आप मामून के हाथों शहीद किये जाने के बाद तूस…
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Hindiइमाम जाफ़र सादिक़ अ.स. का अख़लाक़
आपका क़ायदा था कि आप मालदारों से ज़्यादा ग़रीबों की इज़्ज़त किया करते थे, मज़दूरों की क़द्र किया करते थे। ख़ुद भी व्यापार किया करते थे और अकसर बाग़ों में ख़ुद भी मेहनत किया करते थे।
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क़ुरआनी चर्चा
Hindiअल्लाह तौबा क़ुबूल करेगा अगर........
दीने इस्लाम में दूसरों के सामने अपने गुनाह का इक़रार करने की मनाही है। यह जो कुछ धर्मो में है कि इबादतगाहों में जाएं, धर्मगुरू के पास, पादरी के पास बैठें और गुनाहों का इक़रार करें, यह इस्लाम में नहीं है और इस तरह…