पंजाब के पुलिस डायरेक्टर जनरल गौरव यादव ने कहा कि दो संदिग्धों ने अमृतसर के एक गेस्ट हाउस में विस्फोटक डिवाइस तैयार की मगर इस बारे में उन्होंने और कोई ब्योरा नहीं दिया।
सिखों की अलगाववादी तहरीक ख़ालिस्तान आंदोलन के कारण 1980 और 1990 के दशक में काफ़ी हिंसा हो चुकी है जबकि इसी साल मार्च में सिखा अलगाववादी नेता अमृतपाल सिंह की तलाश में राज्य में बड़े पैमाने पर आप्रेशन किया गया जिससे जनता में नाराज़गी पैदा हुई। मगर अब तक यह स्पष्ट नहीं है कि इन धमाको का संबंध हिंसा की घटनाओं से है या नहीं।
30 साल के अमृतपाल सिंह को गिरफ़तार करने के लिए पंजाब में हज़ारों की संख्या में अफ़सरों को तैनात किया गया था और बड़ी उथल पुथल की परिस्थितियां थीं। पिछले महीने अमृतपाल सिंह को गिरफ़तार किया गया।
इससे पहले गोल्डन टेम्पल में 6 और 8 मई को धमाके हुए थे। इन तीनों ही धमाकों में कोई जानी नुक़सान नहीं हुआ।
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