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इस्लाम रसूले अकरम के नेक अख़लाक़ से फैला, तलवार से नहीं
अख़लाक़ कभी भी समझौते का नाम नहीं है। कुछ लोग यह समझते हैं कि नैतिकता और अख़लाक़ का मतलब दुश्मन के सामने झुकना और सही वक़्त पर सही रुख़ न अपनाना है, जबकि यह सोच ग़लत है।
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ज़ायोनी हमलों के बाद क़तर की पहली प्रतिक्रिया
यह हमला, हमास के राजनीतिक दफ्तर के कई सदस्यों के आवासीय भवनों को निशाना बनाकर किया गया था। हम इसकी कड़े शब्दों में निंदा करते हैं।
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रसूले इस्लाम की विलादत के अवसर पर कैदियों को माफी
आयतुल्लाह ख़ामेनेई ने ईद-ए-मिलादुन-नबी (स.अ.) और हज़रत इमाम जाफ़र सादिक़ (अ. स.) की विलादत के अवसर पर कुछ क़ैदियों के लिए माफी और सज़ा में कमी की मंज़ूरी दी है।
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ईरानी विदेश मंत्री मिस्र पहुंचे, ग्रॉसी से भी होगी मुलाकात
काहिरा प्रवास के दौरान, ईरानी विदेश मंत्री IAEA प्रमुख ग्रॉसी के साथ ईरान और एजेंसी के बीच सहयोग के नए ढांचे को अंतिम रूप देने पर बातचीत करेंगे।
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ईरान ने क़तर पर ज़ायोनी सेना के हमलों की निंदा की
यह मुद्दा क्षेत्रीय देशों और पूरी अंतरराष्ट्रीय बिरादरी के लिए एक चेतावनी है कि अगर फिलिस्तीन और पश्चिम एशिया में जारी इस्राईल की आक्रामकताएं और क़ानून तोड़ने की कार्रवाइयों पर चुप्पी और लापरवाही जारी रही तो इसके परिणाम बेहद ख़तरनाक होंगे।
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कतर, हमास की बैठक पर इस्राईल का हमला
हमास के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि हमास की वार्ता टीम दोहा में बैठक के दौरान ट्रम्प के युद्धविराम प्रस्ताव पर चर्चा कर रही थी, तभी उन पर हमला किया गया
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17 रबीउल अव्वल
अल्लाह का नबी दुनिया के तमाम इंसानों के लिए!
वह अशरफ़ुल-मख़लूक़ात हैं और अल्लाह की तरफ़ से उन्हें तमाम इंसानों को नेकी और रिहाई की तरफ़ बुलाने का हुक्म मिला है। इसलिए हबीबुल्लाह (स.अ.) मुसलमानों, ईसाइयों, यहूदियों, हिंदुओं, बौद्धों और हर मज़हब, फ़िरक़े और कोई भी रुझान रखने वाले तमाम इंसानों के लिए अज़ीम पैग़म्बर हैं।
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भारत ने दिया सहारा, खुश हो गया इस्राईल
इससे खासकर ज़ायोनी निवेशकों को भारत में किसी बदलाव या संपत्ति खरीद जैसी परिस्थितियों में सुरक्षा मिलेगी।