बहरैन की अल-विफ़ाक़ इस्लामिक पार्टी ने ऐलान किया है कि आले खलीफा की अदालत बदले की भावना से फ़ैसले करके बहरैनी जनता को लगातार परेशान कर रही है।
अहलेबैत (अ) समाचार एजेंसी अबनाः सौतुल मनामह की रिपोर्ट के अनुसार ऑले खलीफा की अदालत जो फ़ैसले कर रही है उनका न्याय व इंसाफ़ से दूर दूर तक कोई वास्ता नहीं है और यह फ़ैसले क्रांतिकारियों से बदला लेने के लिए किए जा रहे हैं।
अल-विफ़ाक़ इस्लामिक पार्टी बहरैन के अनुसार ऑले खलीफा की अदालत ने शनिवार को 16 क्रांतिकारियों को पांच साल कैद की सजा सुनाई है जबकि दो युवकों को तीन साल की कैद की सजा दी है। इन लोगों को सजा तानाशाही सरकार के पतन और देश में सुधार के पक्ष में नारे लगाने के कारण दी गई है।
अल-विफ़ाक़ इस्लामिक पार्टी ने कहा है कि ऑले खलीफा की जेलों में राजनीतिक बंदियों को लगातार शारीरिक यातनाएं पहुंचाई जा रही हैं और इस तरह उन्हें जबरदस्ती अपराध स्वीकार करने के लिए कहा जा रहा है। उधर लेबनान के उल्मा ने ऑले खलीफा की हिंसक नीतियों की निंदा की है।
रिपोर्ट के अनुसार जबल आमुल उल्मा काउंसिल के प्रमुख अल्लामा शेख़ अफीफ़ नाबलसी ने बहरैन मानव अधिकार केंद्र के प्रतिनिधिमंडल के साथ बैठक में बहरैनी जनता पर ऑले खलीफा के जुल्म व अत्याचा पर अरब देशों की चुप्पी की निंदा की। उन्होंने कहा कि बहरैनी जनता ही को अधिकार है कि वह अपने भविष्य का फैसला करे।
14 मई 2014 - 18:37
समाचार कोड: 608597

सौतुल मनामह की रिपोर्ट के अनुसार ऑले खलीफा की अदालत जो फ़ैसले कर रही है उनका न्याय व इंसाफ़ से दूर दूर तक कोई वास्ता नहीं है और यह फ़ैसले क्रांतिकारियों से बदला लेने के लिए किए जा रहे हैं।