दो साल से गज़्ज़ा में जनसंहार कर रहे इस्राईल ने गज़्ज़ा में व्यापक विनाश मचाया है, जिसने इस क्षेत्र के नागरिकों और उनके जीवन पर गंभीर प्रभाव डाला है। ज़ायोनी सेना ने गज़्ज़ा केअधिकांश शहरों और बस्तियों को लगभग पूरी तरह तबाह कर दिया, जिससे लाखों लोग अपने घरों से बेघर हो गए। ज़ायोनी सेना ने भारी बमबारी करते हुए नागरिक सुविधाएं, अस्पताल, स्कूल और घर समेत सबकुछ नष्ट कर दिया।
हाल ही में अमेरिका ने इस्राईल से गज़्ज़ा से मलबा हटाने और पुनर्निर्माण कार्यों का जिम्मा लेने का अनुरोध किया। हालांकि अमेरिका खुद ग़ज़्ज़ा नरसंहार में इस्राईल का बराबर का भागीदार रहा है। यह मांग इस तथ्य पर आधारित थी कि, ग़ज़्ज़ा का अधिकांश क्षेत्र युद्ध के दौरान पूरी तरह तबाह हो गया है और वहां का मलबा हटाना पुनर्निर्माण की पहली और सबसे महत्वपूर्ण आवश्यकता है। इस अनुरोध पर इस्राईल ने सहमति जताई है और उसने ग़ज़्ज़ा के दक्षिण में स्थित रफह क्षेत्र से मलबा हटाने और भारी इंजीनियरिंग ऑपरेशन की पूरी जिम्मेदारी लेने का फैसला किया।
वहीं, संयुक्त राष्ट्र के विकास कार्यक्रम के अनुसार ग़ज़्ज़ा में लगभग 4 करोड़ 80 लाख टन मलबा मौजूद है, जो न्यूयॉर्क की एम्पायर स्टेट बिल्डिंग जैसी लगभग 186 इमारतों के बराबर है।
14 दिसंबर 2025 - 13:47
समाचार कोड: 1761554
ग़ज़्ज़ा का अधिकांश क्षेत्र युद्ध के दौरान पूरी तरह तबाह हो गया है और वहां का मलबा हटाना पुनर्निर्माण की पहली और सबसे महत्वपूर्ण आवश्यकता है। इस अनुरोध पर इस्राईल ने सहमति जताई है
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