अमेरिकी विदेश सचिव मार्को रुबियो ने ज़ायोनी प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू को जानकारी दी है कि सऊदी अरब को अमेरिका की तरफ से बेचे जाने वाले F-35 लड़ाकू विमान ज़ायोनी शासन को मिले विमान की तुलना में कम उन्नत होंगे। अमेरिका का यह कदम इस्राईल की क्षेत्रीय सैन्य बढ़त को बनाए रखने के लिए है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, अमेरिका के की ओर से सऊदी अरब को दिए जाने वाले F-35 में इस्राईल के विमानों वाली उन्नत क्षमताएँ नहीं होंगी, जैसे अत्याधुनिक हथियार प्रणालियाँ, इलेक्ट्रॉनिक युद्ध उपकरण, रडार-जैमिंग तकनीक।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के साथ वाशिंगटन में बैठक में कहा था कि इस्राईल चाहता है कि सऊदी अरब को मिलने वाले F-35 कम क्षमता वाले हों। इसी बैठक में ट्रंप ने यह भी कहा कि सऊदी अरब लगभग 300 अमेरिकी टैंक खरीदेगा।
मार्को रुबियो इस्राईल के अधिकारियों से चर्चा करेंगे कि अमेरिका-सऊदी सौदा इस्राईल की QME नीति को प्रभावित न करे।
QME अमेरिकी कानून के तहत इजराइल की सैन्य तकनीकी बढ़त सुनिश्चित करता है। इस्राईल वर्तमान में दो स्क्वाड्रन F-35 ऑपरेट कर रहा है और तीसरा स्क्वाड्रन ऑर्डर पर है। जबकि सऊदी अरब को दो स्क्वाड्रन दिए जाएंगे, और उन्हें कई सालों में सौंपा जाएगा।
27 नवंबर 2025 - 13:03
समाचार कोड: 1754785
अमेरिकी राष्ट्रपति ने हाल ही में मोहम्मद बिन सलमान के साथ वाशिंगटन में बैठक में कहा था कि इस्राईल चाहता है कि सऊदी अरब को मिलने वाले F-35 कम क्षमता वाले हों। इसी बैठक में ट्रंप ने यह भी कहा कि सऊदी अरब लगभग 300 अमेरिकी टैंक खरीदेगा।
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