25 नवंबर 2025 - 14:47
मक्के और मदीने मे शराब की अनुमति, मुस्लिम जगत में ग़ुस्सा 

सऊदी सरकार ने इसी कड़ी में शराब से प्रतिबंध हटा दिया है। इसको लेकर वैश्विक स्तर पर मुसलमानों का विरोध देखने को मिल रहा है। सऊदी सरकार ने यह प्रतिबंध ऐसे समय में हटाने का फैसला किया है,

मक्के और मदीने के कारण दुनियाभर के मुसलमान सऊदी अरब को बहुत ही सम्मान से देखते हैं। इसकी वजह है कि यह देश आखिरी पैगंबर हजरत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व आलेहि वसल्लम और उनके बाद 12 इमामों की जन्मस्थली रही है और यहीं से इस्लाम पूरी दुनिया में फैला। सऊदी के मक्का और मदीना शहर कई मायनों में खास है। दुनिया के कोने-कोने से लाखों मुसलमान हर साल मक्का शहर का रूख करते हैं और यहां तक की पांचों वक्त की नमाज भी इसी तरफ रुख कर अदा करते हैं। 
इस्लाम के लिहाज से सऊदी अरब, विशेष रुप से मक्का बेहद अहम है। मजहबी दृष्टिकोण से इसे काफी पवित्र माना जाता है इसलिए दुनियावी बुरे कामों को यहां पर प्रतिबंधित किया गया है।अब सऊदी अरब ने सरकार ऑयल फ्री इकॉनमी और अपने आपको उदार देश के रुप में दुनिया के सामने पेश करने के लिए इस्लामी तालीम का मज़ाक उड़ाना और कई प्रतिबंधों को हटाना शुरू कर दिया है। 
सऊदी सरकार ने इसी कड़ी में शराब से प्रतिबंध हटा दिया है। इसको लेकर वैश्विक स्तर पर मुसलमानों का विरोध देखने को मिल रहा है। सऊदी सरकार ने यह प्रतिबंध ऐसे समय में हटाने का फैसला किया है, जब दुनिया के कई देश नशाखोरी पर लगाम लगाने के लिए शराब प्रतिबंध लगाने की योजना बना रहे है । राजशाही व्यवस्था वाली सऊदी सरकार अपने कानून को इस्लाम और शरीयत पर चलने का दावा करती रही है। शराब इस्लाम में हराम है, लेकिन अब सवाल उठ रहा है कि क्या सऊदी सरकार खुद को उदार दिखाने के लिए बुरे कामों और क्राइम को अनचाहे ढंग से आमंत्रित कर रही है। 

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