19 अक्तूबर 2025 - 15:47
दुश्मन और ग़ैरों के भरोसे नहीं मिलती आज़ादी 

 लेबनान में तनाव घटाने के समझौते के बाद से इस्राईली सेना ने ज़मीन, हवा और समुद्र के रास्ते से 4,000 से अधिक बार उल्लंघन किया है। यह आक्रामक रवैया,  जल्द या देर से खुद इस्राईल के लिए नकारात्मक परिणाम लाएगा।

हिज़्बुल्लाह के सांसद मुहम्मद राद ने कहा कि किसी भी देश की आज़ादी और संप्रभुता दूसरों पर निर्भर होकर हासिल नहीं की जा सकती । इसके लिए जनता की इच्छाशक्ति, ईमान और नैतिक मूल्यों की आवश्यकता होती है।

उन्होंने कहा कि लेबनान की आज़ादी को बनाए रखने के लिए बाहरी शक्तियों पर भरोसा करना सिर्फ एक धोखा है। मुहम्मद राद ने यह बात सिविल डिफेंस के शहीदों की याद में आयोजित समारोह में कही।

उन्होंने कहा कि ज़ायोनी दुश्मन ने ग़ज़्ज़ा और लेबनान में सबसे भयानक नरसंहार किया, जिसमें कत्लेआम, अस्पतालों, आवासीय इलाकों तथा घनी आबादी वाले क्षेत्रों को निशाना बनाया गया साथ ही तबाही और अकाल को हथियार बनाया गया।

उन्होंने कहा कि लेबनान में तनाव घटाने के समझौते के बाद से इस्राईली सेना ने ज़मीन, हवा और समुद्र के रास्ते से 4,000 से अधिक बार उल्लंघन किया है। यह आक्रामक रवैया,  जल्द या देर से खुद इस्राईल के लिए नकारात्मक परिणाम लाएगा।

मुहम्मद राद ने ज़ोर देकर कहा कि आज़ादी और स्वायत्तता हर देश के लिए बुनियादी चीज हैं, जो जनता के जागरूक इरादे, विश्वास और नैतिक मूल्यों की निष्ठा से हासिल होते हैं और प्रतिरोध इसी जागरूकता का सर्वोच्च प्रतीक है।

उन्होंने कहा कि लेबनान में प्रतिरोध एक रक्षात्मक शक्ति है जो राष्ट्रीय इच्छा से जन्म लेती है, किसी की अनुमति या वैधता की मोहताज नहीं है, और राज्य व समाज की सुरक्षा के लिए काम करती है। राद ने स्पष्ट किया कि वतन की संप्रभुता बाहरी ताकतों के हितों के आगे झुकने से नहीं, बल्कि स्वतंत्र राष्ट्रीय इच्छा के अनुसार चलने से प्राप्त होती है।

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