23 सितंबर 2025 - 15:54
सऊदी अरब के लिए हिज़्बुल्लाह का संदेश शक्ति, नीति और दूरदर्शिता से भरपूर 

हिज़्बुल्लाह के सेक्रेटरी जनरल शेख़ नईम क़ासिम ने हाल ही में अपने संबोधन में सऊदी अरब को सहयोग की पेशकश की थी, जिसे क्षेत्र में व्यापक समर्थन मिला है।

क़तर पर हमले के बाद मध्य-पूर्व में मची उथलपुथल के बीच हिज़्बुल्लाह ने सऊदी अरब को बड़ी पेशकश दी है।  मध्य-पूर्व की सियासत में चौंकाने वाले बदलाव देखने को मिल रहे हैं। इस्राईल और अमेरिका पर बढ़ते अविश्वास के बीच अरब देश आपसी सहयोग और एकजुटता के साथ बाहरी चुनौतियों से निपटने पर गंभीरता से विचार कर रहे हैं।

प्रतिरोधी मोर्चे ने एक बार फिर अपने पुराने रुख को दोहराते हुए अरब और मुस्लिम देशों से अमेरिका और इस्राईल के खिलाफ एकजुट होने की अपील की है। 

हिज़्बुल्लाह के सेक्रेटरी जनरल शेख़ नईम क़ासिम ने हाल ही में अपने संबोधन में सऊदी अरब को सहयोग की पेशकश की थी, जिसे क्षेत्र में व्यापक समर्थन मिला है।

राजनीतिक विश्लेषक नज़ाल ईसा ने शेख़ नईम क़ासिम के संदेश को ताक़त और दूरदर्शिता से भरा हुआ करार दिया। उन्होंने कहा कि क़ासिम की यह पेशकश कई देशों के लिए असहनीय साबित हुई है, क्योंकि ज्यादातर देश अमेरिका के साथ मिलकर प्रतिरोधी ताक़तों के खिलाफ खड़े हैं।

नज़ाल ईसा ने यह भी स्पष्ट किया कि शेख़ नईम क़ासिम का संदेश दरअसल एक राजनीतिक चेतावनी था। उन्होंने संकेत दिया कि क़तर के साथ जो कुछ हुआ, वही सऊदी अरब के साथ भी हो सकता है। उनका संबोधन ताक़त और दूरदर्शिता का प्रतीक था।

ग़ौरतलब है कि कुछ दिन पहले लेबनानी अख़बार अल-बिना ने अपनी रिपोर्ट में शेख़ नईम क़ासिम की सऊदी अरब को बातचीत की दावत को एक बड़ी प्रगति बताया था। रिपोर्ट में ख़ास तौर पर यह कहा गया कि “क़तर पर हमले के बाद हालात पहले जैसे नहीं रहे और ‘ग्रेटर इस्राईल’ की योजना सभी को निशाना बना रही है। कोई भी इसके असर से महफ़ूज़ नहीं रहेगा।”

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