ज़ायोनी शासन के विपक्षी नेता याइर लैपिड ने प्रधानमंत्री नेतन्याहू की कैबिनेट पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि यह सरकार अंदरूनी और बाहरी संकटों को और गहरा कर रही है। लैपिड ने कहा कि हमारी सरकार बीमार है; इस्राईली मारे जा रहे हैं, अगवा लोग मौत के क़रीब हैं और सरकार मंत्रियों के खिलाफ़ साज़िशों में लगी है, जबकि संयुक्त राष्ट्र में 142 देशों ने हमारे खिलाफ़ वोट दिया।”
उन्होंने मिस्र के उस प्रस्ताव की ओर भी इशारा किया जिसमें इस्राईल के हमलों का मुकाबला करने के लिए संयुक्त अरब फ़ौज बनाने की बात कही गई है। लैपिड ने इसे अमन समझौतों पर तगड़ा वार करार दिया।
इसी बीच लेबनानी अख़बार अल-अख़बार ने मिस्री सूत्रों के हवाले से लिखा है कि काहिरा इस प्रस्ताव को ज़मीनी रूप देने के लिए अरब देशों का समर्थन जुटा रहा है। बताया गया कि यह योजना पहली बार करीब 9 साल पहले रखी गई थी।
सूत्रों के अनुसार, मिस्र चाहता है कि इस फ़ौज का कमान उसके पास रहे और दूसरा पद सऊदी अरब या खाड़ी देशों को मिले। मिस्र ने लगभग 20 हज़ार सैनिक देने का प्रस्ताव रखा है और इस योजना को अपनी फ़ौज के आधुनिकीकरण और उन्नत हथियारों की खरीद के साधन के रूप में भी देख रहा है।
संयुक्त अरब फ़ौज की संरचना को क्षेत्रीय और राजनीतिक संतुलन के साथ तैयार करने पर विचार किया जा रहा है, जिसमें मोरक्को और अल्जीरिया जैसे देशों की भागीदारी और कमांड पदों का बँटवारा शामिल है।
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