15 सितंबर 2025 - 01:11
वेनेज़ुएला में अंतहीन जंग की  आग भड़काने पर तुला अमेरिका 

..... लेकिन राष्ट्रपति निकोलस मादुरो की सरकार गिरने के बजाय और मज़बूत हो गई तथा सैन्य और सामाजिक समर्थन हासिल कर सत्ता में बनी  रही।

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने वैश्विक साख बनाने और नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामांकन पाने की कोशिशों के बीच अपने युद्धपोतों को वेनेज़ुएला के तट पर भेज दिया। यह कदम, अमेरिकी कांग्रेस की अनुमति के बिना और "नशीली दवाओं की तस्करी से लड़ाई" के बहाने उठाया गया। इस दौरान 11 लोगों से भरी वेनेज़ुएला की एक नौका को तबाह कर दिया गया, जो अमेरिका की इस युद्धक नीति का साफ़ प्रतीक बन गया और लैटिन अमेरिका को नए संकट की ओर धकेल दिया।

वेनेज़ुएला के खिलाफ अमेरिकी नीति कभी स्थायी कूटनीति या रचनात्मक संवाद पर आधारित नहीं रही। जॉर्ज बुश और बराक ओबामा से लेकर ट्रम्प तक, आर्थिक प्रतिबंध ही मुख्य हथियार बने रहे। नतीजा यह हुआ कि वेनेज़ुएला की अर्थव्यवस्था चरमरा गई, महंगाई ने लाखों लोगों को गरीबी में धकेल दिया और मानवीय संकट ने करोड़ों नागरिकों को पड़ोसी देशों की ओर पलायन के लिए मजबूर किया। लेकिन राष्ट्रपति निकोलस मादुरो की सरकार गिरने के बजाय और मज़बूत हो गई तथा सैन्य और सामाजिक समर्थन हासिल कर सत्ता में बनी  रही।

अमेरिका ने मादुरो पर "ड्रग कार्टेल के मुखिया" होने का आरोप लगाया है, लेकिन विशेषज्ञ मानते हैं कि यह आरोप  बेबुनियाद है। स्वतंत्र रिपोर्टों में वेनेज़ुएला की हिस्सेदारी कोलंबिया और मैक्सिको जैसे देशों की तुलना में बेहद कम बताई गई है। यह वही तरीका है जो इराक युद्ध से पहले "सामूहिक विनाश के हथियार" के झूठे बहाने के रूप में इस्तेमाल किया गया था।

विशेषज्ञों का कहना है कि मादुरो पर सीधा हमला या उनकी गिरफ्तारी की कोशिश, भयानक नतीजे ला सकती है। वेनेज़ुएला का विशाल और कठिन भौगोलिक ढांचा अमेरिका के लिए दूसरी "इराक या अफगानिस्तान" जैसी अंतहीन जंग का मैदान बन सकता है।

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