ईरान की इस्लामी क्रांति के सुप्रीम लीडर हज़रत आयतुल्लाह खामेनेई ने मुस्लिम देशों से एकजुट होने की अपील करते हुए कहा है कि अमेरिका भरोसे के लायक नहीं है।
दो दिन पहले ही कतर की राजधानी दोहा और उसके बाद यमन की राजधानी सनआ पर ज़ायोनी सेना के बर्बर हमलों के बाद आयतुल्लाह खामेनेई ने अमेरिका और इस्राईल के खिलाफ दुनिया भर के मुस्लिम देशों को आगाह करते हुए एकजुट होकर साथ खड़े होने की सलाह दी है।
आयतुल्लाह खामेनेई के सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म एक्स पर पोस्ट में लिखा गया कि, "क्षेत्रीय सरकारों को यह समझ लेना चाहिए कि अमेरिका भरोसेमंद नहीं है और वह केवल उन्हें (मुस्लिम राष्ट्रों को) ज़ायोनी शासन को बनाए रखने और क्षेत्र में अपने साम्राज्यवादी हितों को सुरक्षित रखने के उपकरण के रूप में देखता है। अमेरिका उनके धन और सैनिक बल का उपयोग अपने स्वार्थों के लिए करता है। क्षेत्र की समस्याओं का समाधान राष्ट्रों की एकता, मुस्लिम सरकारों के सहयोग और साम्राज्यवादी उद्देश्यों के खिलाफ दृढ़ता से खड़े होने में है।"
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