10 सितंबर 2025 - 16:48
मोमिन और गुनाह की महफ़िल

मोमिन किसी ऐसी बज़्म में बैठे जहां गुनाह हो रहा हो और वह उसे बदलने में सक्षम भी न हो। 

:امام صادق عليه‏ السلام

 لايَنبَغي لِلمُؤمِنِ أن يَجلِسَ مَجلِسا يُعصَى اللّه‏ُ فيهِ و لايَقدِرُ عَلى تَغييرِهِ؛

 [كافى : ج 2 ، ص 374]

इमाम जाफ़र सादिक़ अ.स. 

मुनासिब नहीं हैं कि मोमिन किसी ऐसी बज़्म में बैठे जहां गुनाह हो रहा हो और वह उसे बदलने में सक्षम भी न हो। 

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