पूर्वी अफ्रीका के देश बुरुंडी के शियाओं और मुसलमानों के निमंत्रण पर इस देश की यात्रा पर गए अहले बैत वर्ल्ड असेम्बली के सेक्रेटरी जनरल आयतुल्लाह रज़ा रमज़ानी ने अल मुस्तफा इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी के संबंधित मदरसा ए इमाम ज़ैनुल-आबिदीन अ.स. पहुँच कर यहाँ के शिक्षक और छात्रों से मुलाक़ात करते हुए कहा कि एक तालिबे इल्म को कभी भी यह नहीं सोचना चाहिए कि वह फ़ारिग़ हो गया है। मुमकिन है आप ग्रेजुएट या पीएचडी कर चुके हों कोई डिग्री हासिल कर ली हो। सच्चाई यही है कि एक तालिबे इलम कभी फ़ारिग़ नहीं होता क्योंकि धार्मिक ज्ञान की कोई सीमा नहीं है।
आयतुल्लाह रमज़ानी ने कहा कि मुझे बहुत ख़ुशी है कि मैं आपके इस पवित्र मदरसे में हाज़िर हुआ हूँ। हम और आप सब ही इमाम ज़मान (अ.स.) के सैनिक हैं और इमाम ज़मान (अ.स.) ही हमारे असली कमांडर है। निःसंदेह, एक कमांडर अपने सैनिकों पर गर्व करता है, मुझे आशा है कि हम उनकी दुआओं में शामिल हों।