हाल के वर्षों में डेनमार्क और स्वीडन में मुसलमानों की पवित्र इलाही पुस्तक कुरान का अपमान किया गया और उसे जलाया गया। लेकिन अब डेनमार्क सरकार कुरान को जलाने पर रोक लगाने की तैयारी में है।
बताया जा रहा है कि कुरान को जलाकर विरोध प्रदर्शन करने वालों पर सख्त कार्रवाई हो सकती है। डेनमार्क सरकार ने कुरान का अपमान करने वाली ऐसी घटनाओं पर सुरक्षा को लेकर चिंता व्यक्त की और कहा कि सरकार पवित्र ग्रंथों को जलाने से जुड़े विरोध प्रदर्शनों को रोकने के लिए कानूनी उपाय तलाशेगी।
गौरतलब है कि डेनमार्क में मंगलवार को कोपेनहेगन में इस्लाम विरोधी प्रदर्शनकारियों के एक छोटे समूह ने मिस्त्र और तुर्की के दूतावासों के सामने कुरान की प्रति जलाई थी, इससे पहले स्वीडन में ईद के मौके पर एक मस्जिद के सामने कुरान को जलाया गया था। वहीं कुरान जलाए जाने के विरोध में इराक में प्रदर्शनकारियों ने बगदाद स्थित स्वीडिश दूतावास में तोड़फोड़ व आगजनी भी की थी।
रविवार को एक अलग बयान में, स्वीडिश प्रधान मंत्री उल्फ क्रिस्टर्सन ने कहा कि वह अपने डेनिश समकक्ष मेटे फ्रेडरिकसेन के साथ निकट संपर्क में थे, और स्वीडन में भी इसी तरह की प्रक्रिया पहले से ही चल रही थी। क्रिस्टर्सन ने इंस्टाग्राम पर एक पोस्ट में कहा, "हमने अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा और स्वीडन और दुनिया भर में स्वीडन की सुरक्षा को मजबूत करने के उपायों पर विचार करने के लिए पहले से ही कानूनी स्थिति का विश्लेषण करना शुरू कर दिया है।