AhlolBayt News Agency (ABNA)

source : Parstoday
रविवार

13 नवंबर 2022

5:01:37 pm
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आईआरजीसी के डिप्टी कमांडर ने करेप्ट साइबर इस्पेस की खोली पोल, ईरानी राष्ट्र की सूझबूझ के आगे दुश्मन चारों खाने चित

सिपाहे पासदाराने इंकेलाबे इस्लामी आईआरजीसी के डिप्टी कमांडर ने कहा है कि हमारे दुश्मन ईरान के क्रांतिकारी युवाओं के जोश और जज़्बे से भयभीत हैं। उन्होंने कहा कि शत्रुओं ने सोचा था कि वह करेप्ट साइबर इस्पेस के ज़रीए अपने लक्ष्यों को हासिल कर लेगा, लेकिन ईरानी जनता की सूझबूझ ने उनकी सारी साज़िशों पर पानी फेर दिया है।

प्राप्त रिपोर्ट के मुताबिक़, दो महीने पहले ईरान में एक कुर्द लड़की की मौत के बाद शुरू होने वाले दंगों और हिंसा में लिप्त उपद्रवियों और दंगाईयों का जहां एक ओर अमेरिका समेत कई पश्चिमी और अरब देश खुलकर समर्थन कर रहे हैं वहीं जर्मनी, ब्रिटेन और फ़्रांस समेत यूरोपीय देशों ने इस्लामी गणतंत्र के प्रति अभूतपूर्व रवैया भी अपनाया है। इस बीच सिपाहे पासदाराने इंकेलाबे इस्लामी आईआरजीसी के डिप्टी कमांडर जनरल अली फ़दवी ने गिलान प्रांत के सूमेआ शहर के 550 शहीदों की याद में आयोजित एक कार्यक्रम में शामिल समाज के विभिन्न वर्गों के लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि ईरानी राष्ट्र हर बार दुश्मनों की साज़िशों के मुक़ाबले में विजय प्राप्त करता आया है। उन्होंने कहा कि सद्दाम द्वारा ईरान पर थोपे गए आठ वर्षीय युद्ध में भी हमारा सिर जीत के साथ बुलंद रहा। जनरल फ़दवी ने कहा कि हम सैन्य शक्ति के क्षेत्र में शीर्ष पर हैं  और हमने ऐसी मिसाइलें बनाई हैं जिनसे कोई भी प्रणाली निपट नहीं सकती है  और यह इस्लामी गणराज्य की शक्ति और क्षमता की एक छोटा सी मिसाल है। उन्होंने कहा कि हम अपनी शक्तियों के बारे में तब बात करते हैं जब दुश्मन उनके इस्तेमाल के प्रभाव को महसूस करता है।

आईआरजीसी के डिप्टी कमांडर जनरल अली फ़दवी ने कहा कि हम दुनिया के सामने यह साबित करके दिखाएंगे कि हमारा दिल, भाषा और कर्म सही मोर्चे पर आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि सुप्रीम लीडर के समर्थन से हम शहीदों के रास्ते पर चलते रहेंगे ताकि दुश्मनों की साज़िशों और उनके अहंकार को मिट्टी में मिला दें। आईआरजीसी के डिप्टी कमांडर ने कहा कि कोरोना काल में सोशल मीडिया के ज़रिए दुश्मनों ने पूरी ताक़त लगा दी ताकि देश के युवाओं और किशोरों को सही रास्ते से भटका सकें और उनकी सोच को प्रभाविक कर सकें। उन्होंने कहा कि शत्रु अपने लक्ष्यों को हासिल करने के उद्देश्य से अपने षड्यंत्रों के सपनों को 23 सितंबर 2022 से लागू भी करने लगा, लेकिन पश्चिमी देशों का यह सपना और उनकी साज़िश एक बार फिर शहीदों के ख़ून की बरकत से परास्त होगी और असफल होगी। जनरल फ़दवी ने कहा कि "दुश्मनों की नफ़रत के पीछे सबसे बड़ा कारक इस्लामी क्रांति की जीत और उसकी प्रगति है।" (RZ)

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