इस्लामी इंक़ेलाब के सुप्रीम लीडर आयतुल्लाहिल उज़्मा सैयद अली ख़ामेनई ने ज़ोर दिया है कि क़ुरआन से प्यार व लगाव, इस्लामी समुदाय के लिए प्रतिष्ठा को उपहार स्वरूप लाएगा।
उन्होंने मंगलवार को तेहरान में क़ुरआन करीम की इंटर-नेशनल मुक़ाबले में हिस्सा लेने वालों से मुलाक़ात में, क़ुरआन करीम की तिलावत और उसके हिफ़्ज़ (याद करने) को, उसको समझने और उसपर अमल करने पर ताकीद की। उन्होंने कहा कि इलाही हिदायत और दुश्मनों की पहचान जैसे संवेदनशील मामलों में क़ुरआन करीम की मूल कसौटियों को समझना, क़ुरआन करीम से लगाव पर निर्भर है।
इस्लामी इंक़ेलाब के सुप्रीम लीडर ने इस्लामी दुनिया की मुख्य समस्या का कारण, क़ुरआनी शिक्षाओं से दूरी और उसके नतीजे में इस्लाम के दुश्मनों की दुश्मनियों और षड्यंत्रों से लापरवाही बताया और कहा कि इस्लामी दुनिया में इस मूल कमी की भरपाई का रास्ता, क़ुरआनी कसौटियों की सूक्ष्म पहचान है।
उन्होंने इस बात पर बल देते हुए कि इस्लाम के दुश्मनों की पॉलीसी, प्राक्सी वार की आग भड़काना और इस्लामी समाज में भाईयों को आपस में लड़वाना है, कहा कि बड़े अफ़सोस की बात यह है कि इस्लामी समाज में कुछ लोग इस गंदी पॉलीसी से अवगत नहीं है और अपने मुसलमान भाईयों से मुक़ाबले के लिए शैतान से हाथ मिलाने को तैयार हैं ताकि ज़ायोनी शासन से सहयोग करें।
सुप्रीम लीडर आयतुल्लाहिल उज़्मा सैयद अली ख़ामेनई ने स्पष्ट किया कि इस्लाम के दुश्मनों ने ईरान की इस्लामी सरकार के वुजूद में आने के बाद इस्लाम के विरुद्ध अपने षड्यंत्रों को तेज़ और ज़्यादा जटिल कर दिया है।
4 जून 2014 - 06:18
समाचार कोड: 613486

इस्लामी इंक़ेलाब के सुप्रीम लीडर आयतुल्लाहिल उज़्मा सैयद अली ख़ामेनई ने ज़ोर दिया है कि क़ुरआन से प्यार व लगाव, इस्लामी समुदाय के लिए प्रतिष्ठा को उपहार स्वरूप लाएगा।