ऑले ख़लीफ़ा सरकार के सुरक्षा कर्मियों ने सरकार विरोधी प्रदर्शनकारियों को एक बार फिर हिंसा का निशाना बनाया है।
मंगलवार को एक चौदह वर्षीय जवान सैयद महमूद सैयद मोहसिन की शहादत पर संवेदना प्रकट करने के लिए आयोजित सभा के लिए एकत्र हुए प्रदर्शनकारियों पर सुरक्षा कर्मियों ने हमला कर दिया और उन पर आँसू गैस और रबर की गोलियों की बौछार कर दी।
सैयद महमूद को पिछले सप्ताह मनामा शहर सित्रह में प्रदर्शनों के दौरान सुरक्षा कर्मियों ने मार दिया था, लोकतंत्र समर्थक प्रदर्शनकारी शाही परिवार के खिलाफ नारे और बर्बर क्रेक डाउन की समाप्ति की मांग कर रहे थे। याद रहे कि शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारी पर ऑले ख़लीफ़ा के क्रेक डाउन से अब तक सैकड़ों लोग मारे जा चुके है और हजारों को कैद किया गया है।
23 मई को एमनेस्टी इंटर-नेशनल ने ऑले ख़लीफ़ा सरकार से जवान की मौत की जांच की मांग की थी। इस ग्रुप ने शाही परिवार पर जोर दिया था कि प्रदर्शनों और जेलों में बेगुनाह लोगों की हो रही मौतों की जांच की जाए।
गौरतलब है कि बहरैन में फरवरी 2011 में सरकार विरोधी प्रदर्शनों का सिलसिला बदस्तूर जारी है। देश की जनता हजारों राजनीतिक कैदियों की रिहाई और शाही सरकार की समाप्ति की मांग करते आ रहे हैं।
29 मई 2014 - 18:04
समाचार कोड: 612216

मंगलवार को एक चौदह वर्षीय जवान सैयद महमूद सैयद मोहसिन की शहादत पर संवेदना प्रकट करने के लिए आयोजित सभा के लिए एकत्र हुए प्रदर्शनकारियों पर सुरक्षा कर्मियों ने हमला कर दिया और उन पर आँसू गैस और रबर की गोलियों की बौछार कर दी।