27 मई 2014 - 19:24
ईरान फ़ोबिया व शिया फ़ोबिया, इस्राईल को बचाने की चाल।

इस्लामी इंक़ेलाब के सुप्रीम लीडर ने कहा कि इस्लामी दुनिया की सबसे बड़ी ज़रूरत यह है कि सूझबूझ और सोच विचार द्वारा इस्लामी समुदाय के दुश्मनों को अच्छी तरह पहचान लिया जाए तथा सांप्रदायिक और धार्मिक मतभेदों से बचते हुए एकता स्थापित की जाए।

ईरान के इस्लामी इंक़ेलाब के सुप्रीम लीडर आयतुल्लाहिल उज़्मा सैयद अली ख़ामेनई ने एकता तथा एकजुट इस्लामी समुदाय को इस्लामी दुनिया की महत्वपूर्ण ज़रूरत बताया।
इस्लामी इंक़ेलाब के सुप्रीम लीडर ने मंगलवार को पैग़म्बरे इस्लाम की बेअसत अर्थात पैग़म्बरी के ऐलान की सालगिरह के अवसर पर देश के उच्च अधिकारियों, जनता के विभिन्न वर्गों, तेहरान में तैनात इस्लामी देशों के राजदूतों और अंतर्राष्ट्रीय क़ुरआन प्रतियोगिता में भाग लेने वालों से मुलाक़ात में मुसलमानों के बीच मतभेद डालने तथा शियों और ईरान से लोगों को भयभीत करने के पीछे साम्राज्यवादी मोर्चे का मूल लक्ष्य अपनी समस्याओं पर पर्दा डालना और इस्राईल की रक्षा करना है।
इस्लामी इंक़ेलाब के सुप्रीम लीडर ने कहा कि मुस्लिम राष्ट्रों और विशेषकर बुद्धिजीवियों तथा विचारकों से यह अपेक्षा है कि सूझबूझ और दूरदर्शिता के साथ इस्लामी समुदाय के दुश्मन मोर्चे को सही रूप से पहचानें और इन तथ्यों की ओर भरपूर ढंग से ध्यान दें।
इस्लामी इंक़ेलाब के सुप्रीम लीडर ने कहा कि इस्लामी दुनिया की सबसे बड़ी ज़रूरत यह है कि सूझबूझ और सोच विचार द्वारा इस्लामी समुदाय के दुश्मनों को अच्छी तरह पहचान लिया जाए तथा सांप्रदायिक और धार्मिक मतभेदों से बचते हुए एकता स्थापित की जाए। इस्लामी इंक़ेलाब के सुप्रीम लीडर ने कहा कि इस समय इस्लाम की पताका लहरा रही है तथा मुसलमानों के बीच अपनी पहिचान का आभास प्रबल हुआ है जबकि ईरानी राष्ट्र भी अल्लाह के वादों पर विश्वास के साथ प्रगति के मार्ग पर आगे बढ़ने, कठिनाइयों को पीछे छोड़ने और अत्याचार, अन्याय और अज्ञानता के विरुद्ध संघर्ष में एक के बाद दूसरा मोर्चा सर करने में व्यस्त है।
इस्लामी इंक़ेलाब के सुप्रीम लीडर ने इस्लाम और क़ुरआन के बारे में ग़लत और संकीर्ण दृष्टिकोण अपनाए जाने का हवाला देते हुए कहा कि इस्लामी शिक्षाओं और क़ुरआन की बातों के बारे में सही सोच न होने के कारण आज कुछ लोग इस्लाम के नाम मुसलमानों पर अत्याचार और उनकी हत्या कर रहे हैं, यहां तक कि अफ़्रीक़ी देशों में इस्लाम के नाम पर निर्दोष लड़कियों का अपहरण भी करते हैं।
इस्लामी इंक़ेलाब के सुप्रीम लीडर ने कहा कि इस समय दुश्मन, इस्लाम के विरुद्ध खुलकर मैदान में आ गया है और उसका सबसे बड़ा हथियार शिया सुन्नी विवाद और टकराव है। अतः यदि सूझबूझ से काम किया जाए तो दुश्मन की गतिविधियों और उसकी भावनाओं को देखा जा सकता है और स्वयं को इस्लाम के दुश्मनों की योजनाओं को आगे बढ़ाने का माध्यम बनने से रोका जा सकता है।
इस्लामी इंक़ेलाब के सुप्रीम लीडर का कहना था कि पश्चिम के राजनिक गलियारे वही अज्ञानता फैला रहे हैं जिसे दूरे करने के लिए पैग़म्बरे इस्लाम को भेजा गया था। इस्लामी इंक़ेलाब के सुप्रीम लीडर ने कहा कि अन्याय, भेदभाव, मानवीय प्रतिष्ठा की उपेक्षा और यौन मामलों को उठाना यह सब पश्चिम की भ्रष्ट सभ्यता के प्रतीक हैं और यह आधुनिक शैलियों में उसी अज्ञानता की ओर वापसी है।
इस्लामी इंक़ेलाब के सुप्रीम लीडर ने इस्लामी जागरूकता की लहर को कुचलने के व्यापक प्रयासों की ओर इशारा करते हुए कहा कि कुचलने का यह प्रयास कुछ स्थानों पर कामयाब भी हो गया है लेकिन सच्चाई यह है कि इस्लामी जागरूकता को कुचलना संभव नहीं है।

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