रिपोर्ट के अनुसार एक राजनीतिक विश्लेषक नें कहा है कि ईरान के ख़िलाफ़ एकजुट होने के लिये सऊदी अरब के इस्राईल के साथ ख़ुफ़िया सम्बंध रियाज़ की आले ख़लीफ़ा सरकार के अन्त का कारण बन सकते हैं।
प्रेस टीवी के साथ बातचीत करते हुए जाने माने राजनीतिक लीडर हफ़्सा मुस्तफ़ा नें कहा कि क्या वास्तव में रियाज़ को इस्राईल के साथ दूतावासिक सम्बंध स्थापित करने चाहिये, जो वास्तव में सऊदी अरब की शाही सरकार के लिये उसके अन्त का कारण हो सकते हैं और अगर रियाज़ के अधिकारी ऐसा करते हैं तो यह एक बहुत ही ग़ैर ज़िम्मेदाराना क़दम होगा।
क़ारा मुस्तफ़ा का यह बयान उस समय आया है जब कुछ दिन पहले ज़ायोनी सरकार के विदेश मंत्री नें कहा था कि तिलआबीब कुछ अरब देशों जिनमें सऊदी अरब और कुवैत भी शामिल है, के साथ दूतावासिक सम्बंध स्थापित करने पर बातचीत कर रही है ताकि ईरान के ख़िलाफ़ एकजुट हो सकें।
उन्होंने फ़ार्स की खाड़ी के देशों पर ज़ोर देकर कहा कि वह ईरान के साथ सम्बंधों के हवाले से अपनी नीति में बदलाव करें।
20 अप्रैल 2014 - 19:05
समाचार कोड: 603744

रिपोर्ट के अनुसार एक राजनीतिक विश्लेषक नें कहा है कि ईरान के ख़िलाफ़ एकजुट होने के लिये सऊदी अरब के इस्राईल के साथ ख़ुफ़िया सम्बंध रियाज़ की आले ख़लीफ़ा सरकार के अन्त का कारण बन सकते हैं।