बहरैन के इस्लामी अहरार आंदोलन नें कहा है कि आले ख़लीफ़ा की शाही सरकार विदेशी पिट्ठुओं को बहरैन में लाकर उनको नागरिकता देने की पॉलिसी लगातार जारी रखे हुए है। लेबनान की वेबसाइट अल अहद की रिपोर्ट के अनुसार अहरार ने एक बयान जारी करके कहा है कि बहरैन में जार्डन के पिट्ठू लोगों को दी जाने वाली तनख़्वाह की बात स्वीकारने से बहरैन में जार्डन के बहुत ज़्यादा पिट्ठुओं की मौजूदगी की पुष्टि होती है और आले ख़लीफ़ा की शाही सरकार की तरफ़ से इन पिट्ठू तत्वों को यह तनख़्वाहें बहरैन की नागरिकता के संदर्भ में दी गई हैं। अहरार नें एक बयान में कहा है कि इस पॉलिसी का उद्देश्य बहरैन में आबादी के अनुपात को बदलने, आले ख़लीफ़ा के हितों को पाने के लिये और इस देश के असली नागरिकों को अलग थलग करना ही है। स्पष्ट रहे कि आले ख़लीफ़ा की शाही सरकार की तरफ़ से जनता पर लगातार हिंसा के बावुजूद बहरैन में सरकार विरोधी प्रदर्शनों का सिलसिला जारी है।
                        14 अप्रैल 2014 - 12:43
                    
                    
                            समाचार कोड: 602413
                        
                    
            बहरैन के इस्लामी अहरार आंदोलन नें कहा है कि आले ख़लीफ़ा की शाही सरकार विदेशी पिट्ठुओं को बहरैन में लाकर उनको नागरिकता देने की पॉलिसी लगातार जारी रखे हुए है