29 दिसंबर 2025 - 14:02
इस्लामी देशों को धोखा दे रहा है अमीरात, इस्राईल के प्रॉक्सी के रूप में कर रहा है काम 

यह ठिकाने सिर्फ स्थानीय संपत्तियां नहीं रह गए हैं, बल्कि इन्हें निगरानी और मॉनिटरिंग केंद्रों में बदला जा रहा है, जहां इस्राईली रडार, ड्रोन और खुफिया सिस्टम अहम भूमिका निभा रही हैं। 

समय समय पर इस्लामी देशों और मुसलमानों को धोखा देने के लिए कुख्यात रहा मुस्लिम देश संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) एक ऐसी चाल चल रहा है जिसमें वह इस्राईल से लेकर यमन और सूडान तक में खुद को मजबूत कर रहा है। यूएई लंबे समय से खुद को एक आधुनिक और शक्तिशाली देश के रूप में पेश करता रहा और उसकी इस्राईल के साथ बढ़ती साझेदारी एक ऐसे रास्ते की ओर इशारा करती है जहां वो नाजुक देशों में इस्राईल के हितों को गहराई से स्थापित करता हुआ नजर आ रहा है। दक्षिणी यमन से लेकर सोमाली लैंड और सूडान तक, अबू धाबी की कार्रवाइयां लगातार एक प्रॉक्सी की तरह दिखने लगी हैं। 
दक्षिणी यमन अब यूएई के प्रभाव का सबसे बड़ा केंद्र बन चुका है। साउदर्न ट्रांजिशनल काउंसिल (एसटीसी) को समर्थन देकर अबू धाबी ने अदन की खाड़ी के किनारे स्थित बंदरगाहों, द्वीपों और तेल-समृद्ध इलाकों पर कंट्रोल हासिल कर लिया है। यह ठिकाने सिर्फ स्थानीय संपत्तियां नहीं रह गए हैं, बल्कि इन्हें निगरानी और मॉनिटरिंग केंद्रों में बदला जा रहा है, जहां इस्राईली रडार, ड्रोन और खुफिया सिस्टम अहम भूमिका निभा रही हैं। 
 

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