13 नवंबर 2025 - 14:39
इराक चुनाव, इराकियों का प्रतिरोध भरोसा; साफ हुई संसद की तस्वीर 

बद्र, हुक़ूक, स्टेट ऑफ लॉ और अस-सादिकून जैसे समूहों की जीत यह दिखाती है कि इराकी जनता देश की स्वतंत्रता की रक्षा में प्रतिरोध बलों की भूमिका को जारी रखना चाहती है।

छठे संसदीय चुनाव में इराकी जनता ने भारी मतदान कर प्रतिरोध समर्थक शिया पार्टियों को समर्थन दिया, जिसका अर्थ है कि लोगों ने प्रतिरोध-समर्थक समूहों पर दोबारा विश्वास जताया है।
इराक के संसदीय चुनाव 21.4 मिलियन योग्य मतदाताओं में से 12 मिलियन से अधिक लोगों की भागीदारी के साथ संपन्न हुए। यह पिछले चुनावों की तुलना में भागीदारी में 12.5 प्रतिशत की वृद्धि है, जो राजनीतिक भागीदारी में जनता की व्यापक रुचि दिखाती है।
जारी आंकड़ों के अनुसार, मोहम्मद शिया अल-सुदानी के नेतृत्व वाला पुनर्निर्माण और विकास गठबंधन पहले स्थान पर है। नूरी अल-मलिकी के नेतृत्व वाला स्टेट ऑफ लॉ दूसरे स्थान पर रहा। तीसरे स्थान पर क़ैस ख़ज़ अली के नेतृत्व वाला अस-सादिकून गठबंधन रहा, जिसने भ्रष्टाचार-विरोध और हश्दुश्-शअबी के समर्थन को मुख्य मुद्दा बनाया।
सय्यद अम्मार अल-हकीम के नेतृत्व वाला हिकमत अल-वतनिया गठबंधन, हादी अल-आमरी की बद्र ऑर्गनाइज़ेशन और कताइबे हिज़्बुल्लाह से संबद्ध हुक़ूक मूवमेंट भी चुनाव में सफल शिया धड़ों में शामिल हैं।
शिया पार्टियों को कुल 197 सीटें मिली हैं, जो प्रतिरोध-समर्थक धड़े की एक बार फिर स्पष्ट बढ़त को दर्शाती हैं। बद्र, हुक़ूक, स्टेट ऑफ लॉ और अस-सादिकून जैसे समूहों की जीत यह दिखाती है कि इराकी जनता देश की स्वतंत्रता की रक्षा में प्रतिरोध बलों की भूमिका को जारी रखना चाहती है। यही कारण है कि नई संसद की संरचना अमेरिकी योजनाओं के लिए एक मजबूत बाधा मानी जा रही है, जिनका लक्ष्य हश्दुश्-शअबी को कमजोर करना था।

ताज़ा रिपोर्टों के अनुसार सुन्नी पार्टियों को 67 सीटें मिली हैं। इस बीच, कुर्द दलों को 56 सीटें मिलीं और 9 सीटें अल्पसंख्यक समूहों को गई हैं।

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