ईरान के राष्ट्रपति मसऊद पिज़िश्कियान ने परमाणु वैज्ञानिकों की कुर्बानियों को याद करते हुए कहा कि ईरान न केवल रेडियो-फार्मास्युटिकल और आधुनिक चिकित्सा तकनीक में आत्मनिर्भर बनेगा, बल्कि वैश्विक स्तर पर नेतृत्वकारी भूमिका भी निभाएगा।
ईरानी राष्ट्रपति मसऊद पिज़िश्कियान ने कहा कि परमाणु संयंत्रों को नष्ट कर देने से ईरान के संकल्प को नहीं तोड़ा जा सकता। बल्कि देश शांतिपूर्ण परमाणु प्रतिष्ठानों को पहले से अधिक शक्ति और दृढ़ निश्चय के साथ फिर से बनाएगा।
उन्होंने कहा कि ईरान के परमाणु ऊर्जा संगठन के दौरे के दौरान उन्होंने ज़ायोनी शासन की ओर से थोपे गए युद्ध के शहीदों और परमाणु वैज्ञानिकों की कुर्बानियों को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने कहा कि ईरान के परमाणु विशेषज्ञों की कोशिशें वास्तव में एक "वैज्ञानिक जिहाद" और राष्ट्र की सेवा हैं।
उन्होंने ज़ोर दिया कि रेडियो-फार्मास्युटिकल उत्पादों का निर्माण और आधुनिक चिकित्सा तकनीकों का विकास राष्ट्रीय आवश्यकता है, जिसे अधिक तेजी और दृढ़ता के साथ आगे बढ़ाया जाना चाहिए। ईरान इस क्षेत्र में पहले ही एक मजबूत स्थान रखता है और वैश्विक चिकित्सा बाज़ार में अहम भूमिका निभाने की क्षमता रखता है।
राष्ट्रपति ने कहा कि हमारे देश के लिए नई तकनीकों को अपनाना और वैश्विक प्रतिस्पर्धा में शामिल होना अनिवार्य है। अहंकारी शक्तियाँ स्वतंत्र देशों को इन तकनीकों तक पहुँच से वंचित रखना चाहती हैं ताकि वे उन पर निर्भर रहें, जबकि वही ताकतें दवाएँ महँगे दामों पर बेचती हैं।
राष्ट्रपति मसऊद पिज़िश्कियान ने कहा कि ईरानी वैज्ञानिकों के खिलाफ दुश्मनी और उनकी हत्या इस बात का प्रमाण हैं कि बड़ी ताकतें ईरान की वैज्ञानिक और तकनीकी आत्मनिर्भरता से भयभीत हैं।
उन्होंने कहा कि ईरान का परमाणु हथियार बनाने का कोई एजेंडा नहीं है, और विश्व शक्तियाँ इस सच्चाई से भली-भाँति परिचित हैं। ये ताकतें ईरान की प्रगति को रोकने के लिए इस झूठे दावे को बहाने के रूप में इस्तेमाल करती हैं, लेकिन ईरान की प्रगति को रोकने की उनकी कोशिशें कभी सफल नहीं होंगी।
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