क़तर पर इस्राईल के बर्बर हमलों की निंदा करते हुए यमन की सर्वोच्च राजनीतिक परिषद के वरिष्ठ सदस्य «मोहम्मद अली हौसी ने कहा कि दोहा पर अतिक्रमणकारी ज़ायोनी शासन का आतंकवादी हमला और हमास प्रतिनिधिमंडल को निशाना बनाना, ज़ायोनी शासन के आतंकवाद और बर्बरता की पराकाष्ठा को दिखाता है और यह पूरी तरह अमेरिका के समर्थन और उसके सहयोग के साथ किया गया है।
यमन ने कहा कि अरब और इस्लामी देशों की सरकारों और सेनाओं की निष्क्रियता, खामोशी और ठोस रुख न अपनाने की वजह से ज़ायोनी और ज्यादा ढीठ हो गए हैं और उनकी दादागीरी और आतंकी हमले बढ़ते जा रहे हैं।
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