25 जुलाई 2025 - 18:19
ज़ायोनी अत्याचारों पर चुप रहना खुद पर ज़ुल्म करने के समान 

उन्होंने इस त्रासदी को इस्लामी देशों के लिए एक कलंक बताते हुए कहा कि यह भयावह घटनाएँ तब हो रही हैं जब ज़ायोनी शासन, अमेरिका और अपने अन्य सहयोगियों के प्रत्यक्ष समर्थन से, कोई भी अपराध करने से पीछे नहीं हट रहा है।

बहरैन के लोकप्रिय आध्यात्मिक नेता, आयतुल्लाह शेख ईसा कासिम ने फिलिस्तीन की दयनीय हालत पर दुख जताते हुए कहा कि जब हम गज़्ज़ा में अपने मुस्लिम भाइयों के जीवन पर छाई त्रासदियों और विपत्तियों को देखते हैं और साथ ही उनके पहाड़ों जैसे दुखों को कम करने के लिए कोई भी छोटा या बड़ा दान करने से बचते हैं, तो हम खुद के साथ अन्याय कर रहे होते हैं।"

उन्होंने कहा कि गज़्ज़ा के लोगों की मदद करना न केवल एक धार्मिक कर्तव्य है, बल्कि भाईचारे, सम्मान, विवेक और मानवता का भी तकाजा है। 

उन्होंने कहा कि इस महान परीक्षा में असफल होना ही दुनिया में एक बड़ी और तत्काल सज़ा का पात्र बनने का कारण है।

आयतुल्लाह ईसा कासिम ने कहा कि गज़्ज़ा में जो हो रहा है, उसके प्रति अरबों लोगों की ज़िम्मेदारी है और यह एक भयानक सभ्यता के पतन का संकेत है जो मानवता के पूर्ण विनाश का ख़तरा है।"

उन्होंने इस त्रासदी को इस्लामी देशों के लिए एक कलंक माना । शेख ईसा क़ासिम ने कहा गज़्ज़ा की दयनीय हालत का जिक्र करते हुए कहा कि यह भयावह घटनाएँ तब हो रही हैं जब ज़ायोनी शासन, अमेरिका और अपने अन्य सहयोगियों के प्रत्यक्ष समर्थन से, कोई भी अपराध करने से पीछे नहीं हट रहा है।

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